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    बच्चों के साथ हो रहा खिलवाड़, अनफिट वाहनों से भेजे जा रहे स्कूल

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 01:16 PM (IST)

    राउरकेला में 62 स्कूल वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चल रहे हैं जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। परिवहन विभाग को इसकी जानकारी है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। केवल 123 वाहन ही फिट हैं जबकि ऑटो में ओवरलोडिंग और तेज गति आम है। आरटीओ ने अनफिट वाहनों को जब्त करने की चेतावनी दी है। फिटनेस के लिए कई नियम हैं जिनका पालन अनिवार्य है।

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    जान जोखिम में डाल 62 अनफिट वाहनों से स्कूल जा रहे हैं बच्चे। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, राउरकेला। राउरकेला के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को लाने व ले जाने में प्रयुक्त 62 वाहनाें का फिटनेस सर्टिफिकेट व परमिट नहीं है। बच्चों की जान को खतरे में डाल कर स्कूल लाने और ले जाने का काम हो रहा है।

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    परिवहन विभाग को इसकी जानकारी है पर नियमित जांच व कार्रवाई नहीं हो रही है। शहर में वर्ष 2024-25 में कुल 224 वाहनों का पंजीकरण स्कूलों के लिए हुआ है। इसमें से 123 वैन व बस ही इसके लिए फिट एवं सक्रिय हैं।

    राउरकेला की सड़काें पर बगैर फिटनेस और ओवर लोड लेकर स्कूल वाहन चल रहे हैं। खास कर आटो में चार की जगह दस से अधिक बच्चाें को बैठाया जा रहा है।

    अधिक पैसे कमाने एवं समय बचाने के लिए गति पर भी नियंत्रण नहीं रखते हैं। एक-एक आटो चालक तीन चार स्कूलाें को लाने व ले जाने का काम करते हैं। स्कूल के समय का अंतराल कम होने के तेज गति से वाहन चलाना आम बात है।

    वाहन मालिकाें को फिटनेस के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। असुरक्षित वाहनाें में बच्चाें को स्कूल लाना व ले जाना खतरे से खाली नहीं है। 

    राउरकेला में चलने वाली स्कूल वाहनों में 62 वाहन के मालिकों ने फिटनेस का नवीकरण नहीं कराया है। उन वाहन मालिकाें को चेतावनी दी गई है। इसके बाद भी वे फिटनेस के लिए आवेदन नहीं कर रहे है। शीघ्र ही जांच के साथ अनफिट वाहनों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरु की जायेगी।

    वी सामंत सिंहार, आरटीओ राउरकेला।

    स्कूल वाहन फिटनेस के लिए कुछ मुख्य शर्तें

    • ओडिशा में स्कूल बस फिटनेस के लिए मुख्य शर्त स्कूल वाहन 15 साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए।
    • चालक की आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
    • स्कूल वाहन के पास वैध फिटनेस सर्टिफिकेट होना चाहिए।
    • स्कूल वाहन में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए और अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए।
    • स्कूल बस का रंग हाईवे पीला होना चाहिए और वाहन के चारों ओर 150 मिमी चौड़ी हरे रंग की क्षैतिज पट्टी होनी चाहिए।
    • वाहन के चारों तरफ स्कूल बस शब्द स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होना चाहिए।
    • रिफ्लेक्टर, स्टॉप लाइट, दिशा सूचक, और अन्य लाइटें अच्छी स्थिति में होनी चाहिए।
    • चालक के पास 5 साल का अनुभव होना चाहिए और एक साल में दो बार से ज्यादा यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं किया होना चाहिए।
    • स्कूल सुरक्षा समिति द्वारा चालक और वाहन को अनुमोदित किया जाना चाहिए।

    टेस्ट के बाद मिलता है फिटनेस

    ओडिशा में स्कूल बसों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ता है, जिसके बाद फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना पड़ता है। यह सर्टिफिकेट आम तौर पर स्कूल बसों सहित नए वाणिज्यिक वाहनों के लिए दो साल के लिए वैध होता है।

    दो साल के बाद इसे नवीनीकृत किया जाता है। आठ साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट एक साल के लिए दी जाती है।