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Odisha Cyber Fraud: साइबर ठगी का शिकार हुआ बीमाकर्मी, करोड़पति बनने के लालच में लग गई 22.17 लाख की चपत

साइबर ठगों ने झांसा देकर सुंदरगढ़ के बीमा कर्मी से 22.17 लाख रुपए ठग लिए। करोड़पति बनने के लालच में बीमा कर्मी व उसकी पत्नी ने जमीन गिरवी रखकर रुपये दिए थे। ऐसे में जब उन्हें ठगी का शिकार होने का पता चला तो उन्होंने थाना पहुंचकर गुहार लगाई है।

By Mahendra MahatoEdited By: Yashodhan SharmaPublished: Sat, 06 May 2023 04:00 AM (IST)Updated: Sat, 06 May 2023 04:00 AM (IST)
ओडिशा में साइबर ठगी का शिकार हुआ बीमाकर्मी

संवाद सूत्र, राजगांगपुर। झारखंड में साइबर ठगों ने झांसा देकर सुंदरगढ़ के बीमा कर्मी से 22.17 लाख रुपए ठग लिए। करोड़पति बनने के लालच में बीमा कर्मी व उसकी पत्नी ने जमीन गिरवी रखकर रुपये दिए थे। ऐसे में जब उन्हें ठगी का शिकार होने का पता चला तो उन्होंने रुपये वापस पाने के लिए राजगांगपुर थाना पहुंचकर गुहार लगाई है।

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क्या है पूरा मामला

राजगांगपुर मिशनहाता निवासी बीमा कर्मचारी सुनील साहू एवं उनकी पत्नी सुनीता बेहरा ने 28 अप्रैल को मोबाइल में पार्ट टाइम जॉब के लिए सर्च किया था। तब अज्ञात नंबर से मैसेज दिया गया व लिंक भेज कर एप्लीकेशन खोलने को कहा गया।

कैसे हुए ठगी का शिकार

सुनील को यह समझ में नहीं आया कि एप्लीकेशन असली है या नकली। उसने उसमें अपना नाम पंजीकरण करा दिया। साइबर ठग गिरोह ने सुनील को पहले एक हजार रुपए में बिटक्विन का लाभ दिखाया। सुनील ने उसके लिए एक हजार रुपये लगा दिए। तब उसके खाते में 60 फीसद लाभ 600 रुपये भेजे गए।

इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने पांच हजार रुपये लगाने को कहा। लालच में उसने 5 हजार रुपये लगाए। इसके बाद 25 हजार रुपये, 35,500 रुपये, 95 हजार रुपये, तीन लाख रुपये लगाए। जैसे-जैसे रुपये लगाता गया वैसे वैसे उसके खाते में लाभ की राशि भी आती रही।

इसके बाद जब उसने तीन लाख रुपए लगाए तब उसके एकाउंट में कुछ नहीं आया। इसके बाद उसने टेलीग्राम मैसेज पर बातचीत की। तब उससे पूछा गया कि अब तक कितना जमा किया गया है। पूरी रकम नहीं होने के कारण लाभ की राशि को होल्ड करने की जानकारी सुनील को दी गई।

जमीन को दाव पर लगाया

उन्होंने कहा कि इसके लिए और रुपये जमा करना होगा तभी लाभ की राशि भेजी जाएगी। साइबर अपराधियों के कहने पर सुनील ने अपनी जमीन बंधक रखकर 5.43 लाख रुपये जमा कर दिए। इस तरह 44 बार में 22.17 लाख रुपये जमा किए।

नहीं दर्ज हुआ मामला

बाद में उसे लाभ मिलने की बात कही गई थी पर कुछ नहीं मिला। ठगी का शिकार होने का पता चलने के बाद सुनील ने पहले राजगांगपुर थाना फिर राउरकेला साइबर थाने में इसकी शिकायत करने पहुंचे पर राजगांगपुर साइबर थाने के अधीन नहीं होने के कारण मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया गया।


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