बाइपास से हाय-हलो कर निकल जाते नेता, धूल फांक रहे नगरवासी
सुंदरगढ़ जिले में औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पहचान बना चुका राजगांगपुर शहर आज भी बुनियादी सुविधा से कोसों दूर है। ...और पढ़ें

बाइपास से हाय-हलो कर निकल जाते नेता, धूल फांक रहे नगरवासी
संसू, राजगांगपुर : सुंदरगढ़ जिले में औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पहचान बना चुका राजगांगपुर शहर आज भी बुनियादी सुविधा से कोसों दूर है। चारों तरफ से छोटे-बड़े उद्योगों से घिरा यह शहर काफी पुराना है। इसके बावजूद यहां बुनियादी सुविधाओं के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। जबिक शहर से सटकर निकले बाइपास रोड से अक्सर राज्य ही नहीं केंद्र सरकार के मंत्रियों समेत आला अधिकारियों का आना-जाना होता है। नगर के लोग इनका खुले दिल से स्वागत सत्कार करते हैं। इस दौरान अपनी व्यथा भी सुनाते हैं। समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन भी मिलता है पर नगर की स्थिति आज भी जस की तस है। ऐसे में नगरवासियों का कहना है कि नेता आते हैं। फूलमाला पहनते हैं। समस्या सुनते हैं और उनका समाधान करने का अश्वासन देते हैं। लेकिन शहर की हालत जस की तस है। ऐसे में लगता है कि जैसे राजगांगपुर नगर विकास के नाम पर बाइपास बनकर रह गया है। आलम यह है कि सुंदरगढ़, संबलपुर, झारसुगुडा से अगर कोई बस से राजगांगपुर आता है तो वह कंडक्टर को राजगांगपुर बायपास बोलकर टिकट कटाकर बैठता है। इतना ही नहीं अब तो राज्य के मंत्री, सांसद व आला अधिकारी भी राजगांपुर न कहकर बाइपास बोलने लगे हैं। जिससे शहर का विकास भी बाइपास बन कर रह गया है। शहर की सबसे बड़ी समस्या ओवरब्रिज, राजगांगपुर को सब डिवीजन की मान्यता, ब्लड बैंक भंडार की सुविधा आजतक नहीं मिल पायी है। रेलवे की ओर से ओवरब्रिज के लिए चार पिलर खड़े किए गए हैं लेकिन आगे काम रुका हुआ जिससे शहरवासियों को जाम का झाम झेलने के साथ साथ रोजना धूल फांकनी पड़ती है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। जिनसे नगरवासी सुविधा की उम्मीद लगाते हैं वे बाइपास से हाय-हलो कर निकल जाते हैं। नगरवासियों की दुर्दशा देखने के लिए शहर की गलियों में घुसना तक मुनासिब नहीं समझते।

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