Jharsuguda: ईब नदी में बालू माफियाओं का आतंक, पोर्टल बंद होने के बाद भी बेधड़क चल रहा है बालू का अवैध खनन
झारसुगुड़ा जिले में बालू माफिया सक्रिय हैं क्योंकि ईब नदी में पानी का बहाव कम होने से बालू के पहाड़ बन गए हैं। दिन के उजाले में ट्रैक्टरों से बालू का खनन हो रहा है लेकिन खनन विभाग निष्क्रिय है। बारिश से पहले अवैध रूप से बालू का खनन करके स्टॉक किया गया है।

संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा। सरकारी रिकॉर्ड में बारिश के मौसम के लिए हर साल की तरह इस साल भी आईफॉरेमएस पोर्टल बंद है। लीज घाटों से भी बालू का खनन बंद है, लेकिन झारसुगुड़ा जिले में बालू चोरी की तस्वीर कुछ अलग है।
लगभग 1 महीने से अच्छी बारिश न होने के कारण ईब नदी में पानी का बहाव कम हो गया है। कई जगहों पर नदी के किनारे और अंदर बालू के पहाड़ बन गए हैं। जिसका फायदा उठाकर अब बालू माफिया सक्रिय हो गए हैं।
दिन के उजाले में नदी से ट्रैक्टर लगाकर बालू का खनन किया जा रहा है। लेकिन झारसुगुड़ा जिले के खनन विभाग से मात्र 10 किमी परिधि के भीतर यह बालू का अवैध खनन होने के बावजूद खनन विभाग का इस पर ध्यान नहीं है।
इतना ही नहीं, बालू के अवैध खनन को रोकने के लिए गठित समिति भी निष्क्रिय हो गई है, ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। इस संबंध में जिला खनन अधिकारी चूड़ामणि बिस्वाल से पूछने पर उन्होंने कहा कि जल्द ही बालू माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बालू का रखा है स्टॉक
बारिश के मौसम में आमतौर पर बालू की कमी होती है, जबकि इस साल झारसुगुड़ा जिले में यह स्थिति अभी तक उत्पन्न नहीं हुई है। बारिश से पहले कई जगहों पर अवैध रूप से बालू का खनन कर स्टॉक किया गया था, जबकि इस बारिश के 3 महीने तक उन्हें चलाया जा रहा है।
दूसरी ओर, ईब नदी के जमेरा गांव के पास बड़े पैमाने पर बालू चोरी की घटना सामने आई है। एक साथ इस जगह से 5-7 ट्रैक्टर लगते हैं, जबकि प्रतिदिन प्रति ट्रैक्टर न्यूनतम 3 ट्रिप बालू का अवैध खनन करते हुए पाए गए हैं।
प्रति ट्रिप में 3 क्यूबिक मीटर के हिसाब से प्रतिदिन औसतन 60 क्यूबिक मीटर बालू यहां से उठाई जा रही है। जिला खनन विभाग के रिकॉर्ड में जमेरा कोई चालु घाट नहीं है और इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं दिया गया है, लेकिन एक स्थानीय नेता के संरक्षण में वर्षों से इस जगह से खनन होता आ रहा है।
इस संबंध में झारसुगुड़ा जिलापाल कार्यालय में भी कई शिकायतें हुई थीं, फिर भी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में खनन विभाग विफल रहा है। हालांकि, केवल जमेरा ही नहीं, ईब नदी के कई अन्य स्थानों से भी अब खनन होता हुआ देखा जा रहा है।
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