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    Odisha News: राउरकेला नगर निगम में मृत व फर्जी लाभार्थियों के नाम पर 8 करोड़ का घोटाला, कई कर्मचारी और प्रभारी शामिल

    राउरकेला महानगर निगम के समाज कल्याण विभाग में 8 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला पिछले 15 वर्षों से मृत और फर्जी लाभार्थियों के नाम पर किया गया था। इस भ्रष्टाचार में शामिल 6 कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन रोक दी गई है। निगम उपायुक्त के नेतृत्व में एक समिति जांच कर रही है।

    By Mahendra Mahato Edited By: Nishant Bharti Updated: Wed, 27 Aug 2025 02:04 PM (IST)
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    नगर निगम में मृत व फर्जी लाभार्थियों के नाम पर आठ करोड़ का घपला

    जागरण संवाददाता, राउरकेला। राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) में परिवहन और सफाई विभाग के बाद अब समाज कल्याण विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। विगत 15 साल से मृत और फर्जी लाभार्थियों के नाम पर 8 करोड़ से अधिक का घपला किया गया है।

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    भ्रष्टाचार में शामिल विभाग के 6 कर्मचारियों का दूसरे विभागों में तबादला कर दिया गया है। दूसरी ओर आरएमसी अधिकारियों ने उस अवधि में काम करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन राशि भी रोक दी है। निगम उपायुक्त के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति भ्रष्टाचार की जांच कर रही है।

    नगर निगम के समाज कल्याण विभाग के जरिए हर महीने 30,000 से अधिक लाभार्थियों को 3 करोड़ रुपये से अधिक का भत्ता वितरित कर रहा है। इसमें भत्ता विभाग के 6 से अधिक कर्मचारी शामिल थे और लगभग 600 मृत और फर्जी लाभार्थियों के नाम पर प्रति माह 4 से 6 लाख रुपये का गबन कर रहे थे। इस तरह, सालाना 45 से 50 लाख रुपये का भत्ता राशि की हेराफेरी की जा रही थी।

    विभाग के अधिकांश कर्मचारी और तत्कालीन पर्यवेक्षण प्रभारी अधिकारी इसमें शामिल थे, इसलिए यह घटना प्रकाश में नहीं आई। हाल ही में कुछ लाभार्थियों ने भत्ते के पैसे के दुरुपयोग के संबंध में आरएमएससी के निवर्तमान आयुक्त आशुतोष कुलकर्णी का ध्यान आकर्षित किया था।

    आयुक्त कुलकर्णी ने भत्ता विभाग के कुछ कागजात की जांच के बाद पाया कि मृतक और फर्जी लाभार्थियों के नाम पर भत्ते का पैसा निकाला जा रहा था। बाद में उपायुक्त की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी के माध्यम से भत्ता विभाग के सभी कागजात की जांच करने पर पता चला कि इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है।

    प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मृतक और फर्जी लाभार्थियों के नाम पर 15 साल से भी ज़्यादा समय से भत्ते की राशि की हेराफेरी हो रही थी। अब नए आयुक्त धीना दस्तगीर ने कार्यभार संभालते ही इस भ्रष्टाचार की घटना को गंभीरता से लिया है।

    नगर निगम कल्याण विभाग में भत्ता की राशि में गड़बड़ी का पता चला है। घटना की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। - धीना दस्तगीर, नगर निगम आयुक्त।