हुजूर, ये वेनिस की गली नहीं संबलपुर की है
पश्चिम ओडिशा के प्राणकेंद्र संबलपुर में सैकड़ों करोड़ की लागत के विकासकार्य की पोल तब खुल जाती है। जब मूसलाधार बारिश होती है । इस बार भी यही हुआ ।
संसू, संबलपुर : पश्चिम ओडिशा के प्राणकेंद्र संबलपुर में सैकड़ों करोड़ की लागत के विकासकार्य की पोल तब खुल जाती है। जब मूसलाधार बारिश होती है। इस बार भी यही हुआ। मंगलवार की सुबह जमकर बारिश हुई और कथित विकास की पोल पर्त दर पर्त खुल गयी। सड़क पर सड़क निर्माण कराने और पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से कई इलाकों में नाली नालों का गंदा पानी उफनकर सड़कों में फैल गया। गोपालमाल इलाके की तो सड़कें गंदे पानी में डूब गई। यही हाल चंदन नगर, बरेइपाली, साक्षीपाड़ा, बड़ा बाजार में देखा गया । गनीमत इस बात की रही कि करीब दो घंटे तक रुक रुककर यह बारिश हुई और बारिश का पानी धीरे धीरे नीचे जाता रहा। शहर के लक्ष्मी टॉकिज चौक, बड़ा बाजार, श्री अग्रसेन चौक, स्टेशन चौक, पीर बाबा चौक के निकट काफी समय तक बारिश का पानी सड़कों पर जमा रहा। गोल बाजार सब्जी मंडी के आसपास की नालियों का कचरा सड़क पर आ गया। अफसोस तो इस बात का है कि नगर को सुंदर और आकर्षक बनाने की खातिर यहां की सड़कों में एलईडी लाइट से सजाया गया है। करोड़ों की लागत से पहला फ्लाईओवर बन रहा है। कई पार्क बनाये गए हैं। जिला स्कूल चौक का कायापलट किया गया है। महानदी तट के रिग रोड को रिवर व्यू बनाया गया है। द्वितीय महानदी सेतु को दुल्हन की तरह सजाया गया है। लेकिन स्वच्छता के मामले में यह शहर काफी पिछड़ा है। नाली नालों की कभी सही ढंग से सफाई नहीं करायी गई। अंग्रेजों के जमाने के नाली नाले मरम्मत को भी तरस रहे हैं। नाली नालों से अवैध कब्जा पूरी तरह हटाने में प्रशासन विफल रहा। इसी का खामियाजा शहर के निचले और नाली नालों के किनारे बसे लोगों को बारिश के दिनों में भुगतना पड़ता हैं। आश्चर्य तो इस बात का भी है कि शहर भर में इक्का-दुक्का ही यूरिनल हैं। महिलाओं के लिए तो शायद कहीं नहीं। इस पर ना तो जिला प्रशासन और ना ही संबलपुर महानगर निगम का ध्यान है।