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किसान सशक्तीकरण पर मिल्क मंत्र की अनूठी पहल

किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण पर मिल्क मंत्र ने अनूठी पहल शुरू

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 07:31 PM (IST)
किसान सशक्तीकरण पर मिल्क मंत्र की अनूठी पहल
किसान सशक्तीकरण पर मिल्क मंत्र की अनूठी पहल

जागरण संवाददाता, संबलपुर :

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किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण पर मिल्क मंत्र ने अनूठी पहल शुरू की है। इसमें पूंजीवाद को आधार बनाकर अपने नेटवर्क के ग्रामीण किसानों के दीर्घ मियादी विकास की योजना बनाई गई है। इस संबंध में आर्थिक सशक्तिकरण, सुपरफिट ओडिशा शीर्षक कार्यशाला संबलपुर के हाथीबारी स्थित कारखाना में संपन्न गई। इसमें मिल्क मंत्र के संस्थापक श्रीकुमार मिश्र, उनकी वरिष्ठ टीम एवं 100 से भी ज्यादा कंपनियों के ग्रुप एसोसिएट ने किसानों को दुग्ध की गुणवत्ता लाभदायक व्यवसाय के बारे में अवगत कराया। किसानों को बताया गया कि ग्रामीण किसान, जो मिल्क मंत्र के एथीकल मिल्क सोर्सिंग योजना के वास्तविक परिवाहक एवं संग्रह केंद्र के संचालक हैं।

कार्यशाला में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने दुग्ध की विभिन्न व्यवस्था मसलन पशु पालन, दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि, गौशाला का उचित प्रबंधन, स्वास्थ्य जागरूकता, गो खाद्य, बाजार में दुग्ध की आवश्यकता तथा दुग्ध एक मुख्य धारा का व्यवसाय होने की जानकारी दी। इस दौरान दुग्ध व्यवसाय को लाभजनक बनाने समेत मुख्यधारा में लाने तथा एथिकल मिल्क सोर्सिंग के प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण सहायता करने वाले दस ग्रुप एसोसिएट को सम्मानित किया गया।

सोर्सिंग विभाग के प्रमुख अनिल बर्मन ने बताया कि ग्रुप एसोसिएट का काम केवल दुग्ध संग्रह करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वे कंपनी के चेहरा तथा किसानों के प्रतिनिधि के होते हैं। यह एक अनूठी पहल है जिसमें किसानों से सीधे दूध लेकर सही समय पर उनका भुगतान किया जाता है। कंपनी अब तक ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था में 250 करोड़ रुपये का योगदान कर चुकी है। इएमएस के माध्यम से अब तक 10 जिला में 30 बॉक्स मिल्क कूलर का गठन कर पूर्वी ओडिशा में 292 संग्रह केंद्र खोला गया है, जबकि पश्चिम ओडिशा में 77 केंद्र खोलने में सफलता मिली है।

इसके समेत कंपनी कुल 1499 लाभान्वित किसानों को 15 करोड़ रुपये का ऋण, 10224 कृत्रिम प्रजनन में से 3349 सफल प्रजनन, 763 प्रशिक्षण शिविर, 284 पशु चिकित्सा शिविर आयोजित कर चुकी है। यह कार्यक्रम केवल किसानों के विकास में ही सहायक नहीं है,बल्कि ग्रामीण महिलाओं को चारदीवारी से निकालकर उनकी सामाजिक स्थिति को दृढ़ बनाने में सफल रहा है।


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