कोरोना संक्रमित को नहीं मिला बेड, रास्ते में गई जान
कोरोना संक्रमण काल में सरकार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संवेदनहीन रवैये से एक महिला की मौत हो गई।

संसू, बामड़ा : कोरोना संक्रमण काल में सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संवेदनहीन रवैये से एक महिला की मौत हो गई। एक असहाय कोरोना मरीज को उसके पिता जमनकिरा से बुर्ला इलाज के लिए लाना और वहां कोविड हॉस्पिटल में बेड खाली न होने से वापस लेकर जमनकिरा आए और फिर वहां से अपने समधी घर क्योंझर ले जाते वक्त रास्ते में महिला की मौत हो जाने से अंचल में मातम पसर गया है। सूचना अनुसार कुचिंडा अनुमंडल जमनकिरा निवासी बेनुधर महाकुड़ की तीसरी बेटी रेशमा महाकुड़(28) कुछ दिन पहले ससुराल से अपने मायके जमनकिरा आई थी। रेशमा की मां को कोरोना संक्रमण हुआ था और घर में इलाज चल रहा था। दो दिन पहले रेशमा की भी तबीयत खराब हुई थी। रेशमा ने फासीमाल सीएचसी में अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया था और कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली थी। रेशमा की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे बुर्ला लेकर गए थे जहां डॉक्टरों ने बेड खाली न होने की बात कही थी और घर में होम आइसोलेशन में इलाज करने का परामर्श दिया था। रेशमा गांव लौट आई लेकिन रात को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर रेशमा को कुचिंडा अस्पताल लाया गया और वहां उसे ऑक्सीजन देने के पश्चात भी कोई सुधार न होने पर शनिवार को बुर्ला मेडिकल ले जाने की कुचिंडा के डॉक्टरों ने सलाह दी थी। रेशमा के पिता ने संबलपुर कोविड हॉस्पिटल में बेड के अभाव के चलते बेटी को उसके ससुराल क्योंझर ले जाने का तय किया और रास्ते में रेशमा की मौत हो गई। रेशमा का एक छोटा बच्चा है। मेडिकल सुविधा उपलब्ध न होने से मरीजों का जान चले जाने से अंचल के लोगों में आक्रोश है।
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