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    IIM Sambalpur: अप्रैल 2022 तक पूरा होगा आइआइएम संबलपुर का निर्माण कार्य

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Sat, 02 Jan 2021 08:12 PM (IST)

    IIM Sambalpur वर्ष 2015 में संबलपुर में आइआइएम की स्थापना हुई थी लेकिन इसका कोई स्थाई कैंपस नहीं था। संबलपुर के सिलिकॉन कॉलेज परिसर में यह शुरू किया ग ...और पढ़ें

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    आइआइएम संबलपुर का निर्माण कार्य अप्रैल 2022 तक पूरा होगा। फाइल फोटो

    जासं, संबलपुर। IIM Sambalpur: आज का स्टार्टअप कल की मल्टीनेशनल कंपनी का आधार है। यही आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का भी आधार है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के संबलपुर में कही। प्रधानमंत्री यहां आइआइएम संबलपुर के स्थायी कैंपस के शिलान्यास समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रबंधन के छात्र लोकल और ग्लोबल के बीच सेतु की भूमिका निभा सकते हैं। देश के तीव्र गति से विकास के लिए औद्योगिक पारिस्थितिकी का संतुलन बनाना होगा। भविष्य के प्रबंधकों को देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा। इसमें इनोवेशन और तकनीक की अहम भूमिका होगी।

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    परिसर का शिलान्यास करने के बाद पीएम ने बताया कि महान संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण ओडिशा को अब प्रबंधन जगत में भी नई पहचान मिल सकेगी। उन्होंने ओडिशा के युवाओं को मजबूती देने के लिए आइआइएम संबलपुर को एक महत्वपूर्ण संस्थान बताया। शनिवार के पूर्वान्ह, स्थानीय बसंतपुर में आइआइएम संबलपुर की ओर से आयोजित शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत आइआइएम की चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर अरुंधती भट्टाचार्य, ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक आनलाइन शामिल हुए।

    दूसरी ओर, बसंतपुर में केंद्रीय मंत्री प्रतापचंद्र षाडंगी समेत संबलपुर विधायक जयनारायण मिश्र, रेंगाली विधायक नाऊरी नायक, आइआइएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रो. महादेव जयसवाल समेत पश्चिम ओडिशा के विभिन्न स्थानों से आमंत्रित बुनकर और किसान कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की प्रगति में आइआइएम के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे ओडिशा जैसे प्रदेश के युवाओं को मजबूती देने और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाई हासिल करने वाला संस्थान बताया। उन्होंने बताया कि पूर्वी भारत में ओडिशा की अपनी एक पहचान है। यहां की कला- संस्कृति की अपनी खास पहचान है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर ओडिशा को इस आइआइएम से एक नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आइआइएम संबलपुर को ओडिशा में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे बदलाव का प्रतीक बताया। उन्होंने बताया कि ओडिशा में शिक्षा के बढ़ते मान की वजह से यह पूर्वी भारत का एजुकेशन हब बन सका है।

    अप्रैल 2022 तक पूरा होगा निर्माण कार्य

    वर्ष 2015 में संबलपुर में आइआइएम की स्थापना हुई थी, लेकिन इसका कोई स्थाई कैंपस नहीं था। संबलपुर के सिलिकॉन कॉलेज परिसर में यह शुरू किया गया था, जिसे वर्ष 2018 में संबलपुर विश्वविद्यालय परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके लिए स्थायी कैंपस की जरूरत को देखते हुए ओडिशा सरकार ने बसंतपुर में 200 एकड़ भूमि आइआइएम को दी है, जिसपर 401 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से स्थायी कैंपस निर्माण होगा। अप्रैल 2022 तक निर्माण कार्य पूरा होना है। इसके आठ महीने बाद यहां पढ़ाई शुरू हो जाएगी।