जहां महर्षि वेदव्यास ने की महाभारत की रचना
पश्चिम ओडिशा में तीर्थ स्थल समेत पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। जिसमें पश्चिम ओडिशा के इस्पात नगरी राउरकेला से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित वेदव्यास धाम की भी अपनी अलग पहचान है। तीन दिनों के संगम स्थल पर बसा वेदव्यास धाम न केवल तीर्थस्थल है बल्कि अपनी प्राकृतिक छटा के कारण यह किसी पयर्टन स्थल से भी कम नहीं है। इस स्थान पर प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक मेला भी लगता है जो 100 साल से भी ज्यादा पुराना है।
मुकेश सिन्हा, राउरकेला : पश्चिम ओडिशा में तीर्थ स्थल समेत पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। पश्चिम ओडिशा के इस्पात नगरी राउरकेला से महज दस किमी दूर वेदव्यास धाम की भी अपनी अलग पहचान है। तीन नदियों के संगम स्थल पर बसा वेदव्यास धाम न केवल तीर्थस्थल है, बल्कि अपनी प्राकृतिक छटा के कारण यह विकासशील पयर्टन स्थल है। इस स्थान पर प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक मेला भी लगता है, जो 100 साल से भी ज्यादा पुराना है।
महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास को शायद ही कोई नहीं जानता होगा। महाभारत में भी इस बात का जिक्र आता है कि इसकी रचना व्यास जी ने तलहटी में स्थित किसी पवित्र गुफा में की। मान्यता है कि वेदव्यास जी केवल एक ऋषि नहीं बल्कि 18 ऋषियों का एक समूह था। जिन्होंने भारत में एक ही विचारधारा से महाभारत के माध्यम से प्रतिपादन किया था। वेदव्यास मंदिर के ठीक पहले एक वैदिक गुरुकुल और आश्रम है। पूरा मंदिर परिसर चट्टानों की आड़ में बना हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास जी ने इसी स्थान पर की थी। मंदिर के आगे जाने पर नीचे की तरफ एक रास्ता है, जहां एक कुंड है और वहां साल भर पानी भरा रहता है। आज इसे सरस्वती कुंड के नाम से जाना जाता है। प्रकृति की गोद में बसे इस मंदिर का एक बार दर्शन करना तो अवश्य बनता है। मंदिर की एक और खास बात यह भी है कि इसका निर्माण पुराने पेड़ों को बिना काटे ही छत और फर्श का कार्य किया गया है।
कैसे पहुंचे वेदव्यास धाम:
पश्चिम ओडिशा का यह प्रसिद्ध धाम सड़क मार्ग से जुड़ा है। इस मंदिर तक जाने के मार्ग पर स्थित वेदव्यास चौक एनएच-143 व एसएच-10 को जोड़ता है। वहीं नजदीकी रेलवे स्टेशन राजगांगपुर व राउरकेला है। जहां से ट्रेन से उतरकर बस या किसी निजी वाहन से यहां तक पहुंचा जा सकता है। वैसे नजदीकी एयरपोर्ट झारसुगुड़ा स्थित वीर सुरेंद्र साय एयरपोर्ट है जो देश के कई प्रमुख शहरों को जोड़ता है। जिससे इस एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचा जा सकता है। वैसे झारसुगुड़ा एयरपोर्ट पर उतरकर झारसुगुड़ा से राजगांगपुर या राउरकेला की ट्रेन पकड़ने के बाद वहां से बस या निजी वाहन से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन यात्री बसें केवल वेदव्यास चौक तक ही चलती हैं, वैसे में सड़क मार्ग से यहां आने के लिए निजी वाहन से आएं तो यह ज्यादा सुविधाजनक होता है।
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