10:04 बजे रजिस्ट्रेशन खुलते ही को-विन पोर्टल हुआ क्रैश
सोमवार के दिन तीन जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 साल के किशोर किशोरियों को शहर में खुले चार टीका केंद्रों पर कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया।

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सोमवार के दिन, तीन जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 साल के किशोर किशोरियों को शहर में खुले चार टीका केंद्रों पर कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया। इस दौरान किशोर-किशोरियों में टीकाकरण को लेकर जोश व उत्साह देखा गया। बच्चे अपने माता पिता के साथ केंद्र पर पहुंचकर कोवैक्सीन की पहली डोज ली। हालांकि टीका लेने से पहले कुछ किशोर किशोरियों ने कुछ हिचक के साथ भय होने की बात कही। लेकिन टीका लेने के बाद वे उत्साहित दिखे और कहा कि अब कोरोना से सुरक्षा का कवच मिल गया है। साथ ही अन्य किशोरों को भी टीका लेने के लिए अनुरोध किया।
शहर में अग्रसेन भवन के निकट संत निरंकारी सत्संग भवन में भी 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर किशोरियों के लिए टीका केंद्र खोला गया है। यहां सुबह नौ बजे से ही रजिस्ट्रेशन किए किशोर अपने अभिभावकों के साथ पहुंचने लगे थे। संत निरंकारी मिशन के पश्चिम ओडिशा जोन के बसंत कुमार त्रिपाठी, पूर्व पार्षद ब्रजेश महतो और राउरकेला सरकारी अस्पताल की डाक्टर पूजा पति पहले से ही केंद्र में आने वाले किशोरों की सुविधा को लेकर सक्रिय दिखीं। नौ की जगह 10 बजे से शुरू हुआ टीकाकरण : पूर्व निर्धारित समय के अनुसार 9 बजे से टीकाकरण शुरू होना था। हालांकि रजिस्ट्रेशन करने वाली स्वास्थ्य कर्मी के साथ वैक्सीन लेकर आने वाली नर्स विलंब से पहुंचने के कारण यहां टीकाकरण सुबह 10 बजे शुरू हुआ। हालांकि वैक्सीन पहुंचने के साथ ही स्लॉट बुकिंग कराए किशोरों का टीकाकरण शुरू हुआ और बारी बारी से बच्चों को बुलाकर उन्हें कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया। केंद्र में छात्राओं के लिए अलग व्यवस्था की गई थी। सभी का नाम और मोबाइल नंबर सीरियल से दर्ज कर राउरकेला सरकारी अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी बारी बारी से किशोरों को टीका दिलवाया। सुबह 10 बजकर चार मिनट पर कैश हो गया को-विन पोर्टल : टीकाकरण के दौरान अचानक 10:04 बजे आनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए को-विन पोर्टल क्रैश हो गया। जिससे कुछ देर के लिए टीकाकरण को रोकना पड़ा। इसकी जानकारी मिलते ही डा. पूजा पति सहित आरजीएच डायरेक्टर संतोष कुमार स्वांई सत्संग भवन पहुंचकर समस्या की जानकारी ली। हालांकि 10:34 बजे पोर्टल चालू होने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हुआ और 10 बजकर 45 मिनट पर राउरकेला इस्पात कॉलेज के छात्र हितेश बेहरा ने पहला पंजीयन कराने के साथ कोवैक्सीन का पहला टीका लिया। हितेश ने टीका लेने के दौरान कोई भी भय नही होने की बात कही। साथ ही अन्य विद्यार्थियों को बगैर किसी भय और संकोच के ओमिक्रोन वैरिएंट से बचने के लिए आगे आकर टीका लेने का संदेश दिया।
कोविड प्रोटोकाल का रखा गया पूरा ख्याल : यहां टीका लेने आने वाले किशोर किशोरियों के साथ उनके अभिभावक भी पहुंचे थे। सभी को मास्क के साथ प्रवेश करने दिया जा रहा था। स्वास्थ्य कर्मी भी कोविड प्रोटोकाल के तहत टीकाकरण कार्य करते नजर आए। इसमें संत निरंकारी मिशन के सेवा दल ने भी सहयोग किया।
टीका लेने के पहले व बाद में किशोरों ने साझा किए अपने अनुभव
टीका लेने से पहले थोड़ा हिचक लग रही थी। लेकिन टीका लेने बाद हिचक से साथ डर दूर हो गया। इस कारण बगैर किसी भय के सभी 15 से 18 साल के किशोरों से अपील करती हूं कि वे टीका जरूर लगवाएं।
-- प्रियंस पंड़ा, छात्रा। कोई डरने वाली बात है ही नही। सरकार ने युवाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर कदम उठाया है। टीका लेने के बाद आधे घंटे निगरानी में रखते है। अच्छा है। बेखौफ टीका लगाएं।
- अक्षत खंतवाल, छात्र। टीका लेने के साथ कोविड़ नियम का कड़ाई से पालन करना है। टीका लेने के बाद भी सभी को खुद के साथ औरों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है। कोई डर की बात नहीं है।
- यश गोयल, छात्र। थोड़ा डर लग रहा है, पर टीका तो लेना ही है किसी भी हाल में। यह टीका हमारी सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
- नेहा अग्रवाल, छात्रा। मन में कई शंका उत्पन्न हो रही है। लेकिन टीका लेने के लिए युवाओं की भीड़ देख शंका भी दूर हो गई है। इसलिए मै टीका लेने के बाद औरों को भी इसके लिए जागरूक करूंगा।
- प्रतीक जैन, छात्र। पापा के साथ टीका लगवाने आई हूं। ठीक है कोई भय नही है। टीका लेना जरूरी है। भूलना नही है। सभी को टीका लेना जरूरी है।
- स्नेहा मिश्र, छात्रा। संत निरंकारी भवन में पूरा स्लॉट बुक हो गया है। पहले दिन 400 युवाओं को टीका देने का एक केंद्र के हिसाब से लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत यहां के साथ अन्य टीका केंद्रों में भी 400 के 400 स्लॉट बुक हो गए है। टीका लेने वालों के लिए बैठने के साथ निगरानी सेंटर और परिजनों के बैठने की व्यवस्था की गई है। शुरुआत में कुछ तकनीकी गड़बड़ी हुई थी। लेकिन शीघ्र ठीक होने के कारण समय पर सभी को टीका दिया जाने लगा।
- डा. पूजा पति, सेंटर इंचार्ज।
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