मां सरस्वती की मूर्तियों को स्वरूप देने में जुटे मूर्तिकार
आगामी पांच फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की तैयारी जोरशोर से चल रही है। सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में में सरस्वती की पूजा होती है।

संसू, बंडामुंडा : आगामी पांच फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की तैयारी जोरशोर से चल रही है। सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में में सरस्वती की पूजा होती है। इसे लेकर मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं। कोई मूर्ति का ढांचा बनाने में व्यस्त है तो कोई बने हुए ढांचे में मिट्टी से आकृति को अंतिम रूप दे रहा है।
इस पर्व की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है। क्योंकि उस समय मूर्ति की इतनी ज्यादा मांग होती है कि लोगों को कलाकार मूर्ति दे नहीं पाते हैं। इस कारण कलाकार महीनों पहले से मूर्ति बनाना चालू कर देते हैं। ताकि पूजा के अवसर पर कोई भी खाली हाथ ना लौट पाए। बंडामुंडा-राउरकेला मुख्य मार्ग स्थित कोयला गेट स्थित कुम्हार पाड़ा में करीब 20 सालों से मूर्ति बना रहे मूर्तिकार बड़ी संख्या में मां सरस्वती की मूर्ति बनाते नजर आ रहे है। मूर्तिकारों को पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस वर्ष नए-नए डिजाइन की मूर्ति बना रहे हैं। इन मूर्तियों में मां हंस, कमल, शंख, चक्र, रथ, वीणा, पुस्तक आदि पर विराजमान हैं जिससे मां का रूप भव्य लग रहा है। कुछ साल से लोगों की डिमांड नटराज मूर्ति की काफी ज्यादा है। इसकी फिनिशिग काफी अच्छी होती है। इसमें सिर्फ मिट्टी के उपर पेंटिग की जाती है जिस कारण मूर्ति को दूर से देखने से ही लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। बताया कि मूर्ति की बुकिग एक महीने पहले से ही शुरू हो गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल मूर्ति की बुकिग काफी ज्यादा है।

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