एक पहल दूर कर सकती है सबकी समस्या
राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) को कैपिटल अस्पताल की मान्यता मिली है। लेकिन कैपिटल अस्पताल के तर्ज पर मिलने वाली सारी सुविधा आरजीएच को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं दिया जा रहा है।

राजेश साहू, राउरकेला
राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) को कैपिटल अस्पताल की मान्यता मिली है। लेकिन कैपिटल अस्पताल के तर्ज पर मिलने वाली सारी सुविधा आरजीएच को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतान पड़ता है।
राउरकेला सरकारी अस्पताल के मोर्ग हाउस में अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले मरीजों के लिए मोर्ग हाउस बनाया गया है। इसके अलावा अस्पताल पहुंचने के बाद अथवा जांच में चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित लोगों के शव को मोर्ग हाउस में रखने के साथ साथ देखरेख की जिम्मेदारी आरजीएच प्रबंधन की होती है। ऐसे में आरजीएच में मरने वाले मरीजों का सरकारी आंकड़ा औसतन रोजना एक या दो शवों को इस मोर्ग हाउस में रखा जाता है। इस दौरान उनके परिवार वाले वहां से अस्पताल के नियमानुसार शव को मोर्ग हाउस में रखने के बाद समय पर ले भी जाते है। इस कारण इन शवों की जानकारी अस्पताल प्रबंधन के पास होने के साथ अगर कोई अस्पताल में मरने वाले मरीजों के शव को समय पर नही लेने के लिए आने पर उन शवों को पुलिस की जानकारी में दफनाया जाता है।
शहर भर के शव रखने से अव्यवस्था : राउरकेला सरकारी अस्पताल के मोर्ग हाउस में अस्पताल के शवों के साथ- साथ शहर व बाहरी अंचल समेत दुर्घटना में मृत, व लावारिश शवों को भी मोर्ग हाउस में रखा जाता है। इन शवों को समय पर दफनाने की जिम्मेदारी पुलिस और जीआरपी विभाग की होती लेकिन समय पर दुर्घटना व लावारिस शवों को नहीं दफनाए जाने के कारण अव्यवस्था होती है और कई बार तो शव खराब होने के उसकी दुर्गध से अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
सुविधा के अभाव में समस्या : भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल के तर्ज पर आरजीएच को भी कैपिटल अस्पताल का दर्ज दिया गया है। लेकिन वैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। कैपिटल अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस में सभी प्रकार के शवों का पोस्टमार्टम विभागीय चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। वहां के पोस्टमार्टम हाउस में ही सभी प्रकार के शवों को रखने की भी व्यवस्था की गई है। उसी तरह की व्यवस्था राउरकेला के पानपोष स्थित पोस्टमार्टम हाउस में नहीं होने से समस्या हो रही है। इस ओर ठोस पहल करने की जरूरत है।
पुलिस विभाग की ओर से पहल करने पर ही पोस्टमार्टम हाउस की जगह पर ही मोर्ग हाउस बन सकेगा। इससे पुलिस को अस्पताल से शवों को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने की परेशानी एवं परिवार वालों को दौड़ भाग से राहत मिलेगी। व्यक्ति की मौत किस करण से हुई है, इसके लिए पोस्टमार्टम किया जाता है। पानपोष बस्ती स्थित पोस्टमार्टम हाउस के सामने या उसी जगह पर मोर्ग हाउस बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ जिला प्रशासन को भी इस संबंध में शीघ्र ही पत्र लिखूंगा। साथ ही दोनों विभाग को शीघ्र ही इस योजना पर अमल करके पोस्टमोर्टम हाउस के पास मोर्ग हाउस बनाया जा सके।
- संतोष कुमार स्वांई, निदेशक राउरकेला सरकारी अस्पताल आरजीएच प्रबंधन और जिलाधीश चाहेंगे तो पोस्टमार्टम हाउस के पास या वहीं पर मोर्ग हाउस बन सकेगा। दोनों एक ही जगह पर होने पर पुलिस को भी काफी सहूलियत और सुविधा होगी। जिससे एक बार अस्पताल जाओ शव लेने। फिर वहां से शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस लेकर जाने का झंझट दूर होगा। एक जगह हो जाने पर सुविधा होगी।
- सांता नूतन सामद, एसडीपीओ, राउरकेला।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।