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सेल के अधिकारियों के पदनाम को मिली पदोन्नति, पढ़ें कब से लागू होंगे नये नियम

Steel authority of India सेल के अधिकारियों के पदनाम को पदोन्नति प्रदान मिल गयी है सीईओ व सीई को जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गयी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 12:37 PM (IST)
सेल के अधिकारियों के पदनाम को मिली पदोन्नति, पढ़ें कब से लागू होंगे नये नियम
सेल के अधिकारियों के पदनाम को मिली पदोन्नति, पढ़ें कब से लागू होंगे नये नियम

राउरकेला, जेएनएन। Steel authority of India स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, सेल के अधिकारियों के पदनाम को पदोन्नति प्रदान की गयी है। जिसमें सेल के जनरल मैनेजर, जीएम का नया पदनाम चीफ जनरल मैनेजर, सीजीएम हो गया है। जबकि जूनियर मैनेजर का पद अब असिस्टेंट मैनेजर का पद कहलाएगा। जिसमें सेल में एग्जीक्यूटिव अधिकारियों के स्तर पर ई-8 ग्रेड से ई-1 ग्रेड के पद का नाम बदला गया है। जिसमें सेल के जीएम गौतम भाटिया (कार्मिक) की ओर से सभी सीईओ व सीई को जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गयी है। 

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इस सर्कुलर के अनुसार ई-8 ग्रेड में 51300-73000 के वेतन मान पर कार्यरत जनरल मैनेजर का संशोधित पदनाम अब चीफ जनरल मैनेजर होगा। इसके अलावा ई-7 ग्रेड में 51300-73000 वेतन मान के डिप्टी जनरल मैनेजर को जनरल मैनेजर, ई-6 ग्रेड में 51300-73000 वेतन मान के असिस्टेंट जनरल मैनेजर को डिप्टी जनरल मैनेजर, ई-5 ग्रेड में 43200-66000 वेतन मान के सीनियर मैनेजर को असिस्टेंट जनरल मैनेजर, ई-4 ग्रेड में 36600-62000 वेतन मान के मैनेजर को सीनियर मैनेजर, ई-3 ग्रेड में 32900-58000 के वेतनमान के डिप्टी मैनेजर को मैनेजर, ई-2 ग्रेड में 29100-54500 वेतनमान के असिस्टेंट मैनेजर को डिप्टी मैनेजर, ई-1 ग्रेड में 20600- 46500 व 24900-50500 वेतनमान के जूनियर मैनेजर को असिस्टेंट मैनेजर को संशोधित पदनाम प्रदान किया गया है।

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इस सर्कुलर के अनुसार यह पदनाम तुरंत प्रभाव से लागू होने की जानकारी दी गयी है। लेकिन यह पदोन्नति केवल पदनाम तक ही सीमित है, क्योंकि इस साफ कर दिया गया है कि पदनाम बदलने के बाद भी मिलने वाले वेतन, भत्ता तथा अन्य वित्त सुविधाएं समान ही रहेंगी।

 गौरतलब है कि केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को मीडिया कांफ्रेंस में कहा था कि सेल की उत्पादन क्षमता अगले दस साल में दोगुनी से अधिक हो जाएगी। मौजूदा उत्पादन 140 मिलियन टन प्रतिवर्ष 2030 तक 300 मिलियन टन हो जाएगा। सेल छोटे व मंझोले उद्योगों को उपलब्ध कच्चा माल कराएगी। वहीं राउरकेला संयंत्र समेत सेल का टर्नओवर (अर्थ नीति) 2020 तक दोगुना हो जाएगा। 

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