Gandhi Jayanti 2019: गांधी के बहाने मुस्कराएगी जिंदगी, जानें क्या है सरकार की विशेष माफी योजना
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती हिमाचल मेें तीन जिंदगियों को जेल से रिहा किया जाएगा ये कैदी शिमला के कैथू सेंट्रल जेल कंडा और धर्मशाला जेल में बंद हैं।
शिमला, रमेश सिंगटा। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मोदी सरकार की विशेष माफी योजना के तहत हिमाचल में तीन जिंदगियां मुस्कराएंगी। दो अक्टूबर को इन्हें जेल से रिहा किया जाएगा। केंद्र के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृति प्रदान की है। सरकार के इस कदम को महात्मा गांधी के मानवतावादी मूल्यों को असली श्रद्धांजलि देने के तौर देखा जा रहा है। ये कैदी शिमला के कैथू, सेंट्रल जेल कंडा और धर्मशाला जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई से परिजनों को बड़ी राहत मिल सकेगी। साथ ही ये लोग भी नर्ई जिंदगी शुरू कर सकेंगे।
क्या है शर्त
कैदियों को रिहा करने के लिए गृह मंत्रालय ने अलग से निर्देश दिए हैं। रिहाई की शर्त के अनुसार कैदी 50 फीसद से ज्यादा सजा काट चुका हो। 70 फीसद दिव्यांग को भी इसका लाभ मिल सकता है। अभी तक दो चरणों में पूरे देश में 1424 कैदियों को रिहा किया गया है।
पहले पिता अब बेटा होगा रिहा
योजना के तीसरे चरण में शिमला के कैथू जेल से हमीरपुर के नादौन निवासी मनोज कुमार रिहा होगा।इसका पिता योजना के दूसरे चरण के तहत छह अप्रैल को रिहा हो चुका है। दोनों ने दहेज मांगने व आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में करीब सात साल सलाखों के पीछे जिंदगी काटी। 29 वर्षीय मनोज की पत्नी ने सुसाइड कर लिया था। दो अक्टूबर तक मनोज की सजा के एक महीने सात दिन बचे हैं। दोनों बाप बेटा अब नर्ई जिंदगी आरंभ कर सकेंगे।
अशोक ने किया था पत्नी का उत्पीड़न
ऊना के दौलतपुर वार्ड नंबर के 45 वर्षीय अशोक कुमार पर पत्नी को दहेज के लिए उत्पीड़ित करने का आरोप लगा था। विवाहिता की मौत हो गई और पुलिस ने आरोपित के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। 10 अगस्त, 2016 को कोर्ट ने दोषी पति को चार साल की सजा सुनाई। साथ ही आठ हजार का जुर्माना भी हुआ। अशोक को अभी करीब एक साल सजा काटनी थी।
20 साल बाद सजा, छह महीने बाद रिहा
दिल्ली के केदारनाथ को तेज गति से वाहन चलाने के जुर्म में करीब 20 साल बाद सजा हुई। जिस व्यक्ति को टक्कर लगी, उसकी मौत हो गई थी। इस साल 15 मई को छह महीने की सजा हुआ। उसकी डेढ़ माह की सजा माफ होगी।
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