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    आइजीएच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनकर तैयार

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 15 Mar 2021 10:14 PM (IST)

    राउरकेला के इस्पात जनरल अस्पताल (आइजीएच) परिसर में 295 करोड़ की लागत से निर्मित 200 बेड वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया ह ...और पढ़ें

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    आइजीएच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनकर तैयार

    जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला के इस्पात जनरल अस्पताल (आइजीएच) परिसर में 295 करोड़ की लागत से निर्मित 200 बेड वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। 21 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका लोकार्पण करेंगे। 4742.96 वर्ग मीटर क्षेत्र में सर्विस ब्लॉक, किचन, मेडिकल स्टोर, प्रशासनिक आफिस, कर्मचारी व अधिकारियों के कक्ष तैयार किए गए हैं। इसके अलावा 5288.4 वर्ग मीटर में ऑडिटोरियम एवं एकेडमिक ब्लाक तैयार किया गया है। हालांकि लोकार्पण के बाद यहां अंतरविभाग चिकित्सा आरंभ होने में समय लगेगा क्योंकि यहां अब तक मेडिकल कर्मचारी, नर्स, चिकित्सक, चिकित्सा विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं हो पायी है

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    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लोर्कापण करेंगे। इसके बाद पहले चरण में केवल बहिर्विभाग ओपीडी सेवा शुरू की जाएगी। अस्पताल के संचालन के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया है एवं इसके जरिए ही अस्पताल का संचालन किया जाएगा। आइजीएच के चिकित्सक रोगियों का इलाज करेंगे। इसके लिए ओपोलो समेत देश के बड़े निजी संस्थानों से भी संपर्क किया गया है जिनके चिकित्सक ओपीडी में इलाज करेंगे। राउरकेला तथा आसपास के करीब 35 लाख लोगों को सुपर स्पेशलिटी सुविधा दिलाने की उम्मीद इस अस्पताल से है पर लोकार्पण के बाद भी यहां इंडोर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने पर श्रमिक संगठनों के साथ स्थानीय सेवाभावी संगठनों की ओर से इससे लाभ मिलने पर संदेह प्रकट किया जा रहा है। आइजीएच पर निर्भर सुंदरगढ़, देवगढ़, मयूरभंज, क्योंझर, झारसुगुड़ा जिले के मरीजों की निगाहें भी इस अस्पताल पर ही टिकी हैं।

    उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अप्रैल 2015 को राउरकेला आकर द्वितीय ब्राह्मणी पुल, आइजीएच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी। इसके मुताबिक काम समय पर शुरु नहीं होने से राजनीतिक दलों ने केन्द्र सरकार व प्रधानमंत्री की तीखी आलोचना की थी। इसके बाद पुल और अस्पताल के निर्माण कार्य में तेजी आयी पर काम पूरा नहीं हो पाया।

    ये चिकित्सा सुविधाएं होंगी उपलब्ध : आइजीएच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में स्नायु जनित रोग (न्यूरोलॉजी), स्नायु संबंधित सर्जरी (न्यूरो सर्जरी), यकृत रोग (नेफ्रोलॉजी), हृदय रोग (कार्डियोलॉजी), हृदय रोग सर्जरी (कार्डियो थेरोसिस सर्जरी) की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा इंडोस्कॉपी, थ्री टेसला, एमआइआर, सीटी स्क्रैन, लैप सीआरआरटी मशीन समेत पांच अत्याधुनिक आपरेशन थिएटर होंगे। आपात कालीन सुविधा, आइसीयू, एनआइसीयू, पीआइसीयू विभाग भी होंगे। इसी तरह पांच सौ लोगों के बैठने की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, एकेडमिक ब्लाक, चार लेक्चर थिएटर, लाइब्रेरी, सम्मेलन कक्ष होंगे।

    लोकार्पण समारोह में शामिल होंगे सांसद व केंद्रीय मंत्री : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा 21 मार्च को 200 बेड वाले आइजीएच सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लोकार्पण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय इस्पात व पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ सांसद जुएल ओराम भी शामिल होंगे। घोषणा के मुताबिक केंद्रीय इस्पात मंत्रालय की ओर से स्वीकृति कोष से इसका निर्माण कार्य किया गया है। इससे राउरकेला, सुंदरगढ़ समेत पश्चिम ओड़िशा वासियों को काफी उम्मीद है।

    294.82 करोड़ का व्यय आकलन : स्मार्ट सिटी राउरकेला में लोकार्पण होने जा रहे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पर करीब 294.82 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। ठेका संस्था एनबीसीसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को यह काम दिया गया था। एनबीसीसी के द्वारा काम की जिम्मेदारी यूआरसी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को दी गई थी। वर्ष 2018 में एनबीसीसी को वर्क ऑर्डर मिला था एवं जनवरी 2019 में काम शुरु किया गया। सितंबर 2020 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। कोरोना संकट के चलते इसके निर्माण में देरी हुई। पूर्व मंत्री दिलीप राय ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। प्रधानमंत्री कार्यालय से इस योजना में 294.82 करोड़ रुपये का लागत आने की बात कही गई थी। इसमें से इस्पात मंत्रालय से 105.95 करोड़ रुपये सेल को दिया गया है।

    सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मेडिकल कालेज की मांग : सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रबंधन का दायित्व एम्स को प्रदान करने के साथ साथ यहां पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कालेज की स्थापना करने की मांग भी श्रमिक संगठनों की ओर से की गई है। अस्पताल में कैंसर, मानसिक रोग समेत अन्य गंभीर बीमारी का इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग शहरवासियों के साथ विभिन्न संगठनों की ओर से की गई है। इसे लेकर जगह-जगह बैठक के साथ प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं।