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    अप्रैल-27 व द्वितीय मृत्यु का मंचन

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 09 Nov 2018 11:04 PM (IST)

    संकल्प व राउरकेला इस्पात संयंत्र की ओर से आयोजित राज्य स्तरी ...और पढ़ें

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    अप्रैल-27 व द्वितीय मृत्यु का मंचन

    जागरण संवाददाता, राउरकेला : संकल्प व राउरकेला इस्पात संयंत्र की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय नाटक प्रतियोगिता की दूसरी शाम 'अप्रैल-27' एवं 'द्वितीय मृत्यु' का भावपूर्ण मंचन किया। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि आरएसपी के जीएम हीरालाल महापात्र ने किया और कहा कि नाटक में अभिनय करने वालों की कला तब और निखरती एवं प्रोत्साहन मिलता है तब अच्छे और अधिक दर्शक हों।

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    सिविक सेंटर में पहली नाटक अनुगुल के नालको नगर की नाट्य संस्था ग्रीनरूम की ओर से वैतरणी मल्लिक द्वारा रचित एवं निर्देशित नाटक द्वितीय मृत्यु का मंचन किया गया। धर्म, संस्कृति, परंपरा के नाम पर समाज में कुसंस्कार तथा अंधविश्वास के कारण मनुष्य को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जीवित रहने के दौरान कोई सामने खड़ा नहीं होता है पर मृत्यु के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए तरह-तरह के जतन करता है। शुद्धिक्रिया के समय दान करने से आत्मा को शांति मिलने की बात कही जाती है। इसके लिए लोग मृतक के परिवार वालों पर कई तरह का दबाव डालते है। नाटक के पात्र शूक मिश्रा पर भी दान पुण्य का दबाव बढ़ता है और अंत में वह खुदकुशी कर लेता है। इसमें रोहित कुमार मल्लिक, सुरेन्द्र नायक, पीयूष रंजन पति, बसंत नायक, वैरागी मल्लिक, दाशरथी बेहरा, चगला साहू, विष्णु चरण महंतो, प्रशांत विश्वाल, जीतू साहू, सूर्यकांत सामल ने अभिनय किया। दूसरा संबलपुरी नाटक 'अप्रैल-27' का मंचन किया गया जिसकी रचना व निर्देशन सुभाष चंद्र प्रधान ने की है। वर्तमान समाज में प्रेम की परिभाषा के संबंध में बताया गया है। प्रेम मनुष्य को अच्छा और बुरा दोनों बना सकता है। नाटक में प्रेमिका के कहने पर प्रेमी हत्यारा बन जाता है।