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    रामायण धारावाहिक के निर्देशक रामानंद सागर को मिले भारत रत्न सम्मान : विहिप

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 12 Dec 2020 09:44 PM (IST)

    धारावाहिक रामायण के निर्देशक रामानंद सागर को विश्व हिदू परिषद की ओर से श्रद्धांजलि दी गई।

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    रामायण धारावाहिक के निर्देशक रामानंद सागर को मिले भारत रत्न सम्मान : विहिप

    जासं, राउरकेला : धारावाहिक रामायण के निर्देशक रामानंद सागर को विश्व हिदू परिषद की ओर से श्रद्धांजलि दी गई।

    इस मौके पर विहिप के पश्चिम प्रांत धर्म प्रसार विभाग प्रमुख शांतनु कुसुम ने कहा कि रामानंद सागर ने भगवान राम की कथा व उनके चरित्र को घर-घर पहुंचाया पर देश में उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाया है। वह आजादी के बाद के भारत में पूरी व्यवस्था का विरोध करके हिदू आस्था का प्रसार करने के लिए अकेले खड़े थे। भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में श्रीराम के प्रति भावनाओं और भक्ति को जागृत करने के लिए रामायण जैसा आध्यात्मिक धारावाहिक बनाकर न केवल लोकप्रियता हासिल की बल्कि रिकार्ड भी बनाया।

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    रामानंद की सांस्कृतिक जागृति की क्रांति मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान है। इस लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। एजेंटों के लिए पुनर्वास योजना लागू करने का निर्देश : ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में प्रवेश करने वाले एजेंटों के लिए पुनर्वास योजना को लागू करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ की एकल पीठ ने राज्य परिवहन सचिव को चेतावनी दी है कि निर्धारित समय के भीतर आदेश का पालन करने में विफलता को न्यायालय के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन माना जाएगा।

    न्यायमूर्ति रथ ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि सरकार इस वर्ष नवंबर में अदालत के निर्देशानुसार उनके लिए पुनर्वास योजना तैयार करने में विफल रही है। उल्लेखनीय है कि 27 सितंबर, 2019 को एक पत्र में, परिवहन आयुक्त ने आरटीओ कार्यालय में एजेंटों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। साथ ही जनता की सुविधा के लिए सभी आरटीओ कार्यालय में ई-कियोस्क की व्यवस्था करने को कहा गया था। कुछ एजेंटों के द्वारा मुख्य रूप से आजीविका के नुकसान के आधार पर अदालत में उक्त निर्देश को चुनौती दी गई थी।