Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनआईटी राउरकेला के एक और प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप, जबरन छुट्टी पर भेजे गए

    By Vijay KumarEdited By:
    Updated: Wed, 11 May 2022 05:11 PM (IST)

    प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-राउरकेला (एनआईटी-आर) में एक और स्कैंडल सामने आया है। प्रोफेसर के उमामहेश्वर राव ने 29 अप्रैल की रात एक आपात बैठक की। समिति ने जांच शुरु की। इसी तरह की शिकायतों ने संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।

    Hero Image
    विस्तृत जांच कर रही है और अंतिम जांच रिपोर्ट अभी जमा की जानी बाकी है

     जागरण संवाददाता, राउरकेला: प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-राउरकेला (एनआईटी-आर) में एक और स्कैंडल सामने आया है। इस बार पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) सेकेंड ईयर की एक छात्रा ने एक प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छात्र की शिकायत पर एसोसिएट डीन रैंक के 42 वर्षीय आरोपी प्रोफेसर को शैक्षणिक क्षेत्र में प्रवेश करने और मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। इसके आलावा आरोपित प्रोफेसर, जो संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के पूर्व सदस्य भी हैं, को संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा जांच पूरी होने तक जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रोफेसर के उमामहेश्वर राव ने 29 अप्रैल की रात एक आपात बैठक की

    सूत्रों ने कहा कि पीड़ित छात्रा द्वारा शिकायत दर्ज कराने के तुरंत बाद, एनआईटी-आर के निदेशक प्रोफेसर के उमामहेश्वर राव ने 29 अप्रैल की रात एक आपात बैठक की। आरोपी प्रोफेसर की तस्वीर संस्थान के द्वार पर तैनात सभी निजी सुरक्षा कर्मियों को व्हाट्सएप पर भेजी गई तथा निर्देश किया गया कि आरोपी प्रोफेसर को न ही शैक्षणिक क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाए और न ही मुख्यालय छोड़ने को।

    इसी तरह की शिकायतों ने संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया

    जबकि एनआईटी-आर प्रशासन ताजा विवाद के बारे में चुप्पी साधे हुए है, घटना की जानकारी रखने वालों ने बताया कि छात्रा ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आईसीसी में शिकायत दर्ज कराई थी। समिति ने तुरंत जांच शुरू की, क्योंकि अतीत में इसी तरह की शिकायतों ने संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।

    पीड़िता के पुरुष मित्र ने भी संबंध टूटने के लिए प्रोफेसर को जिम्मेदार ठहराया

    सूत्रों ने कहना है कि पीड़िता ने अपने प्रेमी, जो कि उसका सहपाठी है से संबंध तोड़ने लिया था। जिसके बाद आरोपी प्रोफेसर ने कथित तौर पर काउंसलिंग के बहाने अपने आवास पर बुलाया। उसने उसकी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की और अनुचित व्यवहार किया। प्रोफेसर कथित तौर पर पीड़िता और उसके प्रेमी दोनों के करीबी थे। एक अन्य शिकायत में पीड़िता के पुरुष मित्र ने भी संबंध टूटने के लिए प्रोफेसर को जिम्मेदार ठहराया है।

    विस्तृत जांच कर रही है और अंतिम जांच रिपोर्ट अभी जमा की जानी बाकी है

    संपर्क करने पर, एनआईटी-आर निदेशक ने कहा कि जांच चल रही है और किसी भी विवरण का खुलासा करने से इनकार कर दिया। सूचना योग्य है कि इसी साल अप्रैल में, एक और पीएचडी छात्रा ने एक वरिष्ठ प्रोफेसर पर झारसुगुडा में एक शोध-संबंधी प्रायोगिक दौरे के दौरान यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो रोहन धीमान ने कहा कि आईसीसी दोनों मामलों में विस्तृत जांच कर रही है और अंतिम जांच रिपोर्ट अभी जमा की जानी बाकी है।