राउरकेला में बिना इंश्योरेंस के चल रहे 2.21 लाख वाहन
राउरकेला आंचलिक परिवहन विभाग कार्यालय में पंजीकृत वाहनों में से 211011 वाहन बिना प्रदूषण अनापत्ति एवं इंश्योरेंस के चल रहे हैं।

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला आंचलिक परिवहन विभाग कार्यालय में पंजीकृत वाहनों में से 2,11,011 वाहन बिना प्रदूषण अनापत्ति एवं इंश्योरेंस के चल रहे हैं। सरकार के निर्देश के अनुसार नए मोटर वाहन कानून के तहत पुलिस एवं आरटीओ की ओर से जनवरी एवं फरवरी महीने में जांच अभियान चलाया गया। जगह जगह कैंप लगाकर वाहनों की जांच की गई पर कार्रवाई केवल चालान काटने व जुर्माना लेने तक ही सीमित रह गई। दोपहिया वाहनों का केवल खरीदते समय इंश्योरेंस हो रहा है इसके बाद अधिकतर का दुबारा न तो प्रदूषण क्लियरेंस हो रहा है और न ही इंश्योरेंस। आरटीओ कार्यालय में दलालों का राज कायम है। सरकार की ओर से वाहनों के रोड टैक्स भुगतान में राहत दी गई है पर राउरकेला में इसका पालन नहीं हो रहा है।
राउरकेला आरटीओ कार्यालय सूत्रों के अनुसार इस कार्यालय के जरिए 3, 08, 635 वाहनों का पंजीकरण किया गया है। इनमें 38, 465 निजी चार पहिया वाहन, 4, 614 बस, टैक्स, मैक्स आदि का पंजीकरण हुआ है। 25,064 मालवाहक वाहन, 163 कालेज बस, 161 एंबुलेंस शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2013 से 10 अप्रैल 2021 तक 2, 21,011 ऐसे वाहन हैं जिनका इंश्योरेंस एवं प्रदूषण क्लियरेंस नहीं है। परिवहन विभाग के पास कितने वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, इसका आंकड़ा भी नहीं है। राउरकेला आंचलिक परिवहन कार्यालय में वाहन मालिकों की सुविधा के लिए सिगल विडो सिस्टम शुरू किया गया है पर इसका लाभ नहीं मिल रहा है। कोरोना काल में वाहन मालिक भी वाहन के दस्तावेज ठीक कराने व इंश्योरेंस क्लियर कराने के लिए परेशान हैं। कार्यालय में अब भी भीड़ रह रही है। वाहन नहीं चलने के कारण मालिकों की हालत भी दयनीय है। जिस वाहन के लिए तीन महीने का टैक्स आठ हजार रुपये लगता है यदि समय पर नहीं दिया गया तो हर महीने आठ हजार रुपये की दर से जुर्माना देना पड़ रहा है। सरकार की ओर से मई, जून, जुलाई तक के लिए राहत दी गई है पर राउरकेला कार्यालय में इसका पालन नहीं होने से वाहन मालिकों की मुश्किलें बढ़ी हुई है। दलाल राज खत्म करने के लिए पूर्व एसपी द्वारा कार्रवाई शुरू की गई थी एवं तीन दर्जन से अधिक दलालों को जेल भेजा गया था। नए एसपी मुकेश कुमार भामो के पदभार संभालने के बाद इसमें ढिलाई मिलते ही फिर से अप्रत्यक्ष रूप से दलाल ही काम कर रहे हैं। कार्यालय में भीड़ के चलते वाहन मालिक दलालों के जाल में फंस रहे हैं।
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