Puri Stampede: अचानक भीड़ में घुसा ट्रक और एक दूसरे पर गिरने लगे लोग, चश्मदीद ने सुनाई भगदड़ की दर्दनाक कहानी
पुरी में रविवार सुबह शरधाली इलाके में श्रीगुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मचने से तीन लोगों की दुखद मौत हो गई जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि रथों पर चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी जिसके कारण भगदड़ हुई।

जागरण संवाददाता, पुरी। रविवार सुबह पुरी के शरधाली इलाके में भगदड़ होने से तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में दो महिला और एक पुरुष है। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है।
वहीं, इस भगदड़ में 100 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। खबर के मुताबिक, रविवार होने की वजह से आज सुबह करीब 4 बजे श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने खड़े तीनों रथों पर चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी।
भारी भीड़ के कारण श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई और रथ के पास भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। जिसमें तीन लोगों को मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
कैसे मची भगदड़?
भारी बारिश के कारण श्रद्धालु अपने साथ प्लास्टिक की चादरें लेकर आए थे। भगदड़ मचने के बाद जब लोग इधर-उधर भागने लगे तो उनके पैर प्लास्टिक की चादरों से फिसल गए और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लकड़ी से भरे दो ट्रक भीड़ में घुस गए, जिसके कारण भगदड़ मची है।
वहां मौजूद लोगों ने क्या बताया?
समाचार एजेंसी एएनआई को पुरी निवासी स्वाधीन कुमार पंडा ने बताया कि मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास ही था, लेकिन व्यवस्था ठीक नहीं थी। VIP के लिए नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने के लिए कहा गया था। लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ बढ़ गई।
उन्होंने कहा कि यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, क्योंकि कई अनाधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए। प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया। सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी। रथ यात्रा के दिन भी कई लोगों की मृत्यु हुई, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसका खुलासा नहीं किया और कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ।
आज तीन लोगों की मृत्यु हुई है , जिसमें 2 महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। इसके लिए ओडिशा प्रशासन जिम्मेदार है। रात में वहाँ कोई पुलिस, प्रशासन नहीं था।
एएनआई से भगदड़ में अपनी पत्नी को खोने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि जब यह घटना हुई, तो किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। यहां अग्निशमन अधिकारियों, बचाव दल और अस्पताल की टीम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। यह एक दयनीय घटना है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता।
भगदड़ में अपने एक रिश्तेदार को खोने वाली एक श्रद्धालु ने कहा कि प्रशासन द्वारा उचित उपाय नहीं किए जाने के कारण हमारी खुशी दुखद हो गई। भगदड़ के दौरान कोई पुलिस मौजूद नहीं थी। लोगों ने जान बचाने के लिए एक-दूसरे की मदद की, लेकिन दुर्भाग्य से मैंने हादसे में अपनी भाभी को खो दिया।
अन्य एक व्यक्ति ने कहा कि भगदड़ के दौरान कोई पुलिस सुरक्षा नहीं थी और अनुशासन समिति का कोई सदस्य भी मौजूद नहीं था। मेरे भतीजे और अन्य लोगों ने कम से कम 50 लोगों को बचाया।
ट्रक ने मचाई दहशत
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि अराजकता तब और बढ़ गई जब 'चारमला' से भरे दो ट्रक ने पहले से ही भरे क्षेत्र से गुजरने का प्रयास किया।
कोई पुलिस तैनाती नहीं?
श्रद्धालुओं ने यह भी आरोप लगाया कि भगदड़ के वक्त कोई पुलिस अधिकारी नहीं था और प्रशासनिक उपायों के अभाव में कई लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए।
पुरी के एसपी ने आरोपों को किया खारिज
आरोपों को खारिज करते हुए पुरी के एसपी विनीत अग्रवाल ने कहा है कि घटनास्थल पर पुलिस तैनाती थी। जांच के बाद विवरण साझा किया जाएगा।
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