Puri Stampede: पुरी रथ यात्रा भगदड़ मामले में सरकार का बड़ा एक्शन, SP-DM का ट्रांसफर; दो पुलिस अधिकारी निलंबित
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी रथ यात्रा हादसे के बाद बड़ा निर्णय लेते हुए पुरी के एसपी और जिला मजिस्ट्रेट का तबादला कर दिया है। मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। पिनाक मिश्रा को पुरी एसपी और चंचल राणा को पुरी कलेक्टर नियुक्त किया गया है। सरकार ने रथ यात्रा समाप्त होने तक इन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी हादसे के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने पुरी के एसपी और जिला मजिस्ट्रेट का तबादला कर दिया है।
पीड़ित परिजनों को मिलेगी मुआवजा राशि
साथ ही उन्होंने रथ यात्रा में मारे गए लोगों के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
इस तरह पिनाक मिश्रा को पुरी एसपी और चंचल राणा को तत्काल प्रभाव से पुरी कलेक्टर नियुक्त किया गया है। सरकार ने रथ यात्रा समाप्त होने तक इन दोनों अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
सामाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सीएम ने भगदड़ के लिए जिम्मेदार बताते हुए माझी ने दो पुलिस अधिकारी डीसीपी बिष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित करने की भी घोषणा की।
वहीं, मुख्यमंत्री ने खुर्दा जिला कलेक्टर चंचल राणा को पुरी का नया कलेक्टर नियुक्त किया। अग्रवाल की जगह पिनाक मिश्रा को पुरी एसपी नियुक्त किया जाएगा। माझी ने विकास आयुक्त की देखरेख में मामले की प्रशासनिक जांच के भी आदेश दिए।
मिली जानकारी के अनुसार एक निर्णायक कदम के तहत एडीजी (पुलिस आधुनिकीकरण) एसके प्रियदर्शी को उनकी मौजूदा जिम्मेदारियों के अलावा रथ यात्रा और संबंधित अनुष्ठानों के लिए पुलिस व्यवस्था का समग्र प्रभार सौंपा गया है।
शीर्ष प्रशासनिक ढांचे को और मजबूत करते हुए वरिष्ठ नौकरशाह शाश्वत मिश्रा को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है, यह पद निकुंज धल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से रिक्त था।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार सुबह मची भगदड़ में दो महिलाओं समेत कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 50 अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 4 बजे हुई, जब सैकड़ों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास एकत्र हुए थे। कथित तौर पर अनुष्ठान के लिए सामग्री ले जा रहे दो ट्रकों के भगवान जगन्नाथ और उनके भाई देवताओं के रथों के पास भीड़भाड़ वाले स्थान में घुसने के बाद अफरा-तफरी मच गई।
उन्होंने बताया कि अनुष्ठान के तहत जब देवताओं के चेहरों को ढकने वाले ‘पहुड़ा’ (कपड़ा) को हटाया जाना था, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने के लिए तड़के से ही मंदिर के बाहर एकत्र हो गए थे।
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