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    Chandrayaan-3: सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की टीम ने रेत पर बनाया चंद्रयान 3, इसरो को दी बधाई

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 06:31 AM (IST)

    भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने को तैयार है। 140 करोड़ भारतीयों समेत पूरी दुनिया की निगाहें उस क्षण पर टिकी हैं जब भारतीय समयानुसार शाम 604 बजे लैंडर विक्रम चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करेगा। इस बीच चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की टीम ने इसरो को बधाई दी है।कलाकार सुदर्शन पटनायक की टीम ने चंद्रयान-3 की आकृति को पुरी समुद्र तट पर बनाया है

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    Chandrayaan-3: सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की टीम ने रेत पर बनाया चंद्रयान 3 (फोटो एएनआई)

    पुरी, एजेंसी। भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने को तैयार है। 140 करोड़ भारतीयों समेत पूरी दुनिया की निगाहें उस क्षण पर टिकी हैं जब भारतीय समयानुसार शाम 6:04 बजे लैंडर विक्रम चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करेगा।

    सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की टीम ने दी बधाई

    इस बीच चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की टीम ने इसरो को बधाई दी है। रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक की टीम ने चंद्रयान-3 की आकृति को पुरी समुद्र तट पर बनाया है और लिखा कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग से पहले शुभकामनाएं। साथ ही उन्होंने तिरंगे को भी इस पर दर्शाया है। इस आकृति के ऊपर ऑल द बेस्ट चंद्रयान भी लिखा हुआ है। साथ ही बाईं ओर जय हो इसरो भी लिखा हुआ है।

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    मिशन पर आया केवल 600 करोड़ रुपये का खर्च

    बता दें कि इस मिशन पर केवल 600 करोड़ रुपये का खर्च आया है। हर भारतीय इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनना चाहता है। इसरो 23 अगस्त को शाम 5:20 बजे से इस घटनाक्रम का सीधा प्रसारण करेगा। अधिकांश स्कूलों, कॉलेजों में भी सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इसरो की वेबसाइट, इसके यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज के साथ ही दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर भी प्रसारण होगा।

    इसरो ने दी मिशन की जानकारी

    इसरो ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया, मिशन तय समय पर है। नियमित जांच की जा रही है। इसरो ने विश्वास जताया कि कामयाबी अवश्य मिलेगी। अगर कोई तकनीकी समस्या आती है तो लैंडिंग 27 अगस्त तक टाली जा सकती है। अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई के अनुसार, विज्ञानियों का ध्यान अब चंद्रमा की सतह के ऊपर अंतरिक्ष यान की गति को कम करने पर होगा। यदि हम उस गति को नियंत्रित नहीं करते हैं तो क्रैश लैंडिंग की आशंका रहेगी।