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President Odisha Visit: दौरे के आखिरी दिन यहां पहुंची राष्ट्रपति मुर्मु, बच्चों को बांटी चॉकलेट... आम इंसान की तरह लिया आशीर्वाद

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने दौरे के आखिरी दिन शनिवार को संबलपुर जिले के रेढाखोल पहुंची और उन्होंने यहां संत कवि भीम भोई के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों का दौरा किया। दौरा पूरा कर वह वापस दिल्ली लौट गईं। दौरे के आखिरी दिन राष्ट्रपति ने लोगों को यह संदेश दिया कि इंसान चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाए उसे अपनी सभ्यता संस्कृति संस्कार नहीं भूलने चाहिए।

By Sheshnath Rai Edited By: Shoyeb AhmedPublished: Sat, 02 Mar 2024 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2024 05:40 PM (IST)
संत कवि भीम भोई के जन्मपीठ में राष्ट्रपति को सम्मानित करते साधु संत एवं अर्घ्य तथा पुष्प अर्पित करती राष्ट्रपति

जागरण संवाददाता, सम्बलपुर। President Draupadi Murmu Odisha Visit Last Day: ओडिशा के चार दिवसीय दौरे पर आयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने दौरे के आखिरी दिन शनिवार को संबलपुर जिले के रेढाखोल पहुंची। उन्होंने यहां संत कवि भीम भोई के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों का दौरा किया।

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राष्ट्रपति आज अपना चार दिवसीय ओडिशा दौरा सम्पन्न कर वापस दिल्ली लौट गई। हालांकि अपने दौरे के आखिरी दिन सम्बलपुर के अपने कुछ ही घंटों के दौरे के दौरान राष्ट्रपति ने यहां लोगों के बीच अपनी एक अलग छाप छोड़ते हुए यह संदेश दिया कि इंसान चाहे कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाए, उसे अपनी सभ्यता, संस्कृति, संस्कार नहीं भूलने चाहिए।

इन्होंने अर्घ्य देकर लिया राष्ट्रपति का आर्शिवाद

यही कारण है कि राष्ट्रपति जैसे ही संत कवि भीम भोई के जन्मपीठ पर पहुंची, एक आम नागरिक की तरह पूरी श्रद्धा व निष्ठा के साथ साधु संतों से मिली, चौंषठी सिद्धंकर धूनि मंडप में अर्घ्य दी और आशीर्वाद लिया। इतना ही नहीं राष्ट्रपति की एक झलक पाने एवं स्वागत करने के लिए कतार में खड़े लोगों को भी राष्ट्रपति ने निराश नहीं किया बल्कि प्रोटोकॉल से बाहर निकलकर बच्चों में चॉकलेट बांटी और लोगों से हाथ मिलाती दिखी।

इस तरह से और इतनी समीप से राष्ट्रपति को पाकर स्थानीय लोगों में उत्साह का ठिकाना नहीं था और कई लोग तो इस पल को अपने कैमरे में कैद करते नजर आए।

गाने-बाजे व फूलों के साथ किया स्वागत 

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वायुसेना के विशेष विमान से शनिवार को भुवनेश्वर एयरपोर्ट से झारसुगुड़ा एयरपोर्ट पहुंची और फिर यहां से वायु सेना के विशेष हेलीकॉप्टर से रेढ़ाखोल के कदलीगढ़ स्थित हाईस्कूल के हेलीपैड में उतरीं, जहां उनका गाजे बाजे और फूलों के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी उनके साथ रहे।

रेढ़ाखोल पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मु सबसे पहले मधुपुर गांव पहुंचीं, जहां संत कवि भीम भोई का जन्म हुआ था। मधुपुर में राष्ट्रपति ने संत कवि भीम भोई की प्रतिमा पर पुष्प माल्य अर्पित करते हुए आशीर्वाद लिया। इसके बाद राष्ट्रपति यहां से पैदल ही चौषठी सिद्ध आश्रम के लिए चल पड़ी।

महिला धर्म के साधु संतो से की मुलाकात

इस दौरान बैरीकेड के दोनों तरफ सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों के खड़े देख राष्ट्रपति उनके पास पहुंची और उनसे हाथ मिलाने के साथ छोटे छोटे बच्चों को चाकलेट दिया। राष्ट्रपति ने यहां पर महिमा धर्म के साधु संतों से मुलाकात की और उनके साथ धूनि मंडप का दर्शन किया।

ये लोग रहे मौजूद

चौषठी सिद्धंकर आश्रम में राष्ट्रपति को संतकवि की फोटो महिमा धर्म की स्मृति चिंतामणि प्रदान की गई। इस समय राष्ट्रपति के साथ केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, ओडिशा सरकार की मंत्री रीता साहू उपस्थित थी। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मु और केंद्रीय मंत्री प्रधान कंधरा गांव पहुंचीं, जहां संत कवि भीम भोई को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

राष्ट्रपति ने कांकनपड़ा गांव का भी दौरा किया, जहां भीम भोई का बचपन बीता था। इस अवसर पर केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि मधुपुर में आज मधुपुर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ संत कवि भीम भोई के आविभार्व पीठ एवं चौंषठी सिद्ध के धूनि मंडप का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। समाज सुधारक भीम भोई के मार्मिक साहित्य के माध्यम से कुसंस्कर एवं अंध विश्वास के खिलाफ समाज को मिलने वाली वार्ता हम सबके लिए प्रेरणादायक है।


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