ओडिशा विधानसभा सत्र के दौरान अधिकारियों के विदेशी और बाहरी यात्राओं पर रोक, 18 सितंबर से होगा शुरू
ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने आगामी विधानसभा सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकारी अधिकारियों की विदेश यात्राओं और बाहरी दौरों पर रोक लगा दी है। उन्होंने अधिकारियों को विधानसभा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने और सदन में प्रश्नों के उत्तर समय पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आगामी ओडिशा विधानसभा सत्र के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कड़े निर्देश जारी करते हुए वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को विदेशी यात्राओं, बाहरी दौरों या अपने मुख्यालय से बाहर बैठकों के आयोजन पर रोक लगा दी है।यह रोक सप्ताह भर चलने वाले सत्र के दौरान लागू रहेगी।
अपने निर्देश में, जो सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, आयुक्तों और विभागों के सचिवों को संबोधित है, आहूजा ने याद दिलाया कि 17वीं ओडिशा विधानसभा का चौथा सत्र 18 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक चलेगा।
भले ही यह एक छोटा सत्र हो, लेकिन इसमें महत्वपूर्ण सरकारी कार्य होंगे, जिनमें प्रश्नोत्तर, विभागीय जवाब और प्रस्तुतियां शामिल हैं जिन्हें गंभीरता और तत्परता से निपटाना आवश्यक है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को विधानसभा से जुड़े कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।सदन में चर्चा के लिए प्रश्नों के उत्तर और आंकड़े सही-सही और निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रस्तुत किए जाने चाहिए।उन्होंने जोर दिया कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस प्रक्रिया की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करनी चाहिए, न कि इसे पूरी तरह अधीनस्थ कर्मचारियों पर छोड़ देना चाहिए।
पत्र में आगे कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों की विदेशी यात्राएं, क्षेत्रीय भ्रमण और यहां तक कि पहले से तय यात्रा योजनाएं भी स्थगित की जाएं।यदि बैठकें जरूरी हो तो विभागों को अधिकतम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करने के लिए कहा गया है ताकि सत्र के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचा जा सके।
इसके अतिरिक्त, आहूजा ने विधानसभा सत्र के दौरान मीडिया रिपोर्टों पर बारीकी से निगरानी रखने के महत्व को रेखांकित किया।विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अखबारों में छपी प्रमुख खबरों की समीक्षा करें और जहां आवश्यक हो, वहां समय पर उचित कार्रवाई करें।विधानसभा सत्र के दौरान प्राथमिकता समयबद्ध समन्वय और सदन से जुड़े मामलों के प्रभावी प्रबंधन को दी जानी चाहिए, आहूजा ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया।
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