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    ओडिशा की जेलों में नशा तस्करी पर लगेगी लगाम, सरकार ने 7 करोड़ रुपये खर्च कर उठाया बड़ा कदम

    ओडिशा की जेलों में बढ़ती तस्करी और अनुशासनहीनता को रोकने के लिए जेल विभाग ने ड्रोन निगरानी शुरू करने का फैसला किया है। पहले चरण में पांच प्रमुख जेलों में ड्रोन तैनात किए जाएंगे। राज्य सरकार ने जेलों के आधुनिकीकरण के लिए 7 करोड़ 53 लाख रुपये का बजट भी स्वीकृत किया है। यह कदम जेलों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद करेगा।

    By Sheshnath Rai Edited By: Rajesh Kumar Updated: Mon, 11 Aug 2025 10:18 AM (IST)
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    ओडिशा में पहले चरण में पांच प्रमुख जेलों में ड्रोन तैनात किए जाएंगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य की विभिन्न जेलों में कैदियों के अनुशासनहीन व्यवहार और लगातार बढ़ती तस्करी की घटनाओं ने जेल विभाग की चिंता बढ़ा दी है। जेल की ऊंची दीवार के पार से गांजा, ब्राउन शुगर और मोबाइल जैसी वस्तुओं के अंदर पहुंचने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। इसे रोकने के लिए विभाग ने अब तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है। पहले चरण में 5 प्रमुख जेलों में ड्रोन से निगरानी शुरू होगी।

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    जानकारी के अनुसार, ओडिशा की जेलों में वर्तमान में 17,497 कैदी हैं। जेल की दीवार के पार नशीले पदार्थों और प्रतिबंधित वस्तुओं की आपूर्ति को रोकने के लिए कटक के चौद्वार सर्किल जेल, कोरापुट सर्किल जेल, संबलपुर सर्किल जेल, ब्रह्मपुर सर्किल जेल और भुवनेश्वर के झारपड़ा स्वतंत्र जेल में ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। ये जेल संवेदनशील मानी जाती हैं और इनमें कई हाई-प्रोफाइल अपराधी बंद हैं।

    राज्य की जेलों के आधुनिकीकरण के लिए 7 करोड़ 53 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। पहले चरण में 20 लाख रुपये की लागत से 20 ड्रोन खरीदे जाएँगे, जिनकी कीमत लगभग 2 लाख रुपये प्रति यूनिट होगी। इस पहल से पहले से मौजूद बॉडी-वॉर्न कैमरा सिस्टम के साथ-साथ निगरानी व्यवस्था और भी मज़बूत होगी।

    जेल विभाग का मानना है कि ड्रोन निगरानी से न केवल मादक पदार्थों और मोबाइल की तस्करी पर अंकुश लगेगा, बल्कि जेल के आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई भी की जा सकेगी। अगले चरण में, इस प्रणाली को राज्य की सभी जेलों में लागू करने की योजना है।