Odisha News: केंद्रपाड़ा में मचा हाहाकार, जहरीले पानी से 73 भैंसों की मौत; किसान बेहाल
केंद्रपाड़ा जिले के आली इलाके में ब्राह्मणी नदी में पानी पीने से 73 भैंसों की मौत हो गई जिससे तीन किसान बर्बाद हो गए। ग्रामीणों का आरोप है कि झींगा पकड़ने के लिए नदी में जहर डाला गया था। प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और मुआवजे का आश्वासन दिया है। इस घटना से गांव में मातम पसर गया है और किसान बेहाल हैं।

जागरण संवाददाता, केंद्रपाड़ा। केंद्रपाड़ा ज़िले के आली इलाके में रविवार दोपहर एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। ब्राह्मणी नदी की एक शाखा 'गलिया' में पानी पीने से एक झुंड की 73 भैंसें पल भर में मर गईं। घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और तीन किसान पूरी तरह बर्बादी की कगार पर पहुंच गए।
चरते हुए नदी में गए, वापस नहीं आ सके
सूत्रों के अनुसार, एकमनिया गांव के पास 88 भैंसों का एक झुंड चर रहा था। चरते हुए जैसे ही वे नदी में गए और पानी पिया, थोड़ी देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। नदी गहरी और ऊबड़-खाबड़ होने के कारण झुंड बाहर नहीं निकल पाया। नतीजतन, एक-एक करके भैंसें नदी में डूब गईं और सतह पर तैरने लगीं।
तीन किसानों के घर तबाह
इस हादसे में किसान गणेश दास की 40 भैंसें, जगन्नाथ दास की 17 और पगला बिस्वाल की 16 भैंसें मर गईं। सबसे ज़्यादा नुकसान गणेश दास को हुआ है। उनकी 15 से ज़्यादा भैंसें दूध देती थीं, जिससे पूरे परिवार का खर्च चलता था। अब तीनों किसान टूटे मन से पूछ रहे हैं कि परिवार का पेट कैसे भरेंगे।
जहरीला पानी बना मौत का कारण
ग्रामीणों का आरोप है कि शनिवार को भाटा (ज्वार) के समय कुछ असामाजिक तत्वों ने बागड़ा झींगा पकड़ने के लिए नदी में ज़हर डाल दिया था। ज्वार के साथ आने वाले झींगे ज़हर के कारण मर जाते हैं और किनारे पर फंस जाते हैं, जिन्हें छाँटकर उठाया जाता है। लेकिन भैंसें उसी ज़हरीले पानी को पीकर मर गईं।
गांव में पसरा मातम, किसान कर रहे गुहार
इतने बड़े झुंड के अचानक विलुप्त होने से गाँव में मातमी सन्नाटा पसरा है। मृत भैंसों को नदी से बाहर निकाल लिया गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से प्रभावित किसानों के लिए तत्काल मुआवजे की मांग की है।
गाँव के बुजुर्ग नाथू प्रधान ने कहा है कि हमने ऐसी घटना पहले कभी नहीं देखी। एक ही दिन में गाँव के तीन परिवारों की रोज़ी-रोटी छिन गई।
प्रभावित किसान गणेश दास ने रोते हुए कहा कि मेरे लिए ये भैंसें सिर्फ़ जानवर नहीं, बल्कि मेरा परिवार थीं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब मैं अपने बच्चों का पेट कैसे भरूँगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँच गए। अधिकारियों ने मृत भैंसों का पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रपाड़ा ज़िला कलेक्टर ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष से उचित मुआवज़ा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। साथ ही, पुलिस ज़हर देने के आरोप की जाँच करेगी और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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