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    ओडिशा का झारसुगुड़ा जिला खजाने से भरपूर पर शिक्षा से दूर

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 29 Sep 2021 05:43 AM (IST)

    झारसुगड़ा जिले की माटी के नीचे बहुमूल्यवान खनिज संपदा भरी है। इसी को ध्यान में रख कर जिले में बड़े-बड़े शिल्प कारखानों की स्थापना हुई है।

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    ओडिशा का झारसुगुड़ा जिला खजाने से भरपूर पर शिक्षा से दूर

    झारसुगड़ा : झारसुगड़ा जिले की माटी के नीचे बहुमूल्यवान खनिज संपदा भरी है। इसी को ध्यान में रख कर जिले में बड़े-बड़े शिल्प कारखानों की स्थापना हुई है। राज्य का सबसे पुराना रेलवे जंक्शन भी यहीं है। तीन वर्ष पहले यहां राज्य का दूसरा हवाई अड्डा भी स्थापित हो चुका है। साथ ही एक बड़े व्यवसायिक स्थल की भी मान्यता प्राप्त है। जिले में विकास के लिए पैसों की कमी नहीं है। हजारों करोड़ से राजकोष भरा पड़ा है। लेकिन विडंबना यह है कि शिक्षा के क्षेत्र में जिला अति पिछड़ा है। राजनेता जिले के विकास के लिए बड़ी बड़ी बातें करते हैं। लेकिन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी बयान नहीं देता है।

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    छात्र छात्राओं में पढ़ाई के लिए किस प्रकार से आग्रह बढ़ाया जा सकेगा, उस दिशा में लेस मात्र भी प्रयास नहीं हो रहा है। छात्र, युवा संगठन, सामाजिक संगठन, स्वंयसेवी संगठन आदि कोई भी जिला में शिक्षा के विकास के लिए आवाज नहीं उठती हैं। जिसके कारण वर्तमान में जिला में उच्च शिक्षा अत्यंत खराब है। झारसुगड़ा को जिला की मान्यता मिले 27 वर्ष हो गए है। मगर आज तक यहां एक भी सरकारी कालेज नहीं है। वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने झारसुगड़ा महाविद्यालय को सरकारी कालेज की मान्यता देने की घोषणा की थी। लेकिन 27 साल बीत जाने बाद भी राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया है। झारसुगुडा़ महिला कालेज की स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी। इसके बाद से झारसुगड़ा का हर स्तर पर विकास हुआ लेकिन कालेज को सरकारी मान्यता नहीं मिल पाई। झारसुगड़ा के सबसे पुराने कालेज लक्ष्मी नारायण कालेज की स्थापना वर्ष 1968 में हुई थी। कालेज को 50 वर्ष भी हो गए हैं लेकिन यहां समस्या जस की तस बनी हैं। कालेज की अपनी खुद की जमीन नहीं होने से आज तक कालेज को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। कालेज यांत्रिक विद्यालय के भवन में चल रहा है। इसके भाड़े बाबत में लाखों रुपये बाकी है। जिला मुख्यालय में स्थित उक्त दो कालेज के अलावा ब्रजराजनगर में स्थित कालेज को वैसे तो सरकार का पूरा अनुदान मिल रहा है। लेकिन सरकारी मान्यता नहीं मिली है। इसके अलावा जिले के विभिन्न ब्लाकों में कुछ ब्लाक मे कालेज हैं। इसके अलावा जिले में दो वोकेशनल कालेज कोलाबीरा व किरमिरा में है। जिले में तीन निजी कालेज ब्लैक डायमंड, आर्यभट्ट जूनियर व हेमलता प्लस टू कालेज भी है। जिला मे चौपट हो रही उच्च शिक्षा के विकास के लिए जिला के विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनेता, समाजसेवी, बुद्धि जीवियों को इस दिशा में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

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    यह भी जानें

    27 साल बीत जाने बाद भी राज्य सरकार ने नहीं उठाया कोई कदम

    1982 में हुई झारसुगुड़ा महिला कालेज की स्थापना लेकिन सरकारी मान्यता नहीं मिल पाई।

    1968 में हुई लक्ष्मी नारायण कालेज की स्थापना लेकिन मान्यता से वंचित

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