सात वर्षीय भावना किशोरी ने शुरू किया भागवत कथा
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर : सात वर्ष के बच्चों के लिए जहां अपनी मातृभाषा छोड़कर अन्य भाषा
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर :
सात वर्ष के बच्चों के लिए जहां अपनी मातृभाषा छोड़कर अन्य भाषा में बोल पाना दूभर हो जाता है। वहीं छत्तीसगढ़ के नैला-जांजगीर से आई सात वर्षीय बालिका भावना किशोरी पांडे द्वारा रेलवे स्टेशन चौक स्थित मां ब्रजेश्वरी दुर्गा मंदिर परिसर में शुरू किये गये श्रीमद्भागवत कथा ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान के प्रथम दिन व्यास पीठ पर बैठकर भावना ने श्रीमद्भागवत कथा के महात्मय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि घर का माहौल अगर धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण से परिपूर्ण हो तो उसका प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता है। भागवत के रचयिता महामुनि व्यासजी की पत्नी दुतिका ने जब अपने पति को बताया कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु के मुख से उन्हें भगवद् गीता के श्लोक सुनायी पड़ते हैं तो व्यासजी का जवाब था कि यह वातावरण का प्रभाव है। अत: हम सभी को अपने अपने घरों में सात्विक वातावरण रखना चाहिए। भागवत महायज्ञ के कर्ता का दायित्व जितेन साहु एवं विनोदिनी तथा गुणेश्वर झा एवं नमिता झा निभा रही है। इस कथा के आयोजन में मंदिर प्रबंधन कमेटी के सुजीत महंती, किशन ¨सह तथा राजू मूंधड़ा आदि महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं। प्रतिदिन संध्या चार बजे से सात बजे तक आगामी तीन जून तक जारी रहने वाली इस कथा में बड़ी तादाद में श्रोता अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
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