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    Odisha: सौम्य रंजन के मामले में हाई कोर्ट ने ओडिशा सरकार को अपना पक्ष रखने के दिए निर्देश

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Sun, 31 Oct 2021 03:43 PM (IST)

    Odisha सौम्य रंजन महापात्र की मौत घटने की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए दायर मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शनिवार को राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए निर्देश जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।

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    सौम्य रंजन के मामले में हाई कोर्ट ने ओडिशा सरकार को अपना पक्ष रखने के दिए निर्देश। फाइल फोटो

    कटक, संवाद सूत्र। ओडिशा में एसीएफ सौम्य रंजन महापात्र की मौत घटने की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए दायर मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शनिवार को राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए निर्देश जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी। इससे पहले हलफनामा के जरिए जवाब दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विश्वजीत मोहंती को लेकर गठित खंडपीठ एसीएफ सौम्य रंजन के पिता अभिराम महापात्र की ओर से दायर इस याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया है। क्राइम ब्रांच जांच में संतोष ना होने के बाद उस को चुनौती देते हुए एसीएफ सौम्य रंजन के पिता अभिराम महापात्र की ओर से चार अक्टूबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

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    जानें, क्या है मामला

    इसके मुताबिक, इस घटना की जांच सीबीआइ जैसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाए। नहीं तो अदालत की निगरानी में एसआइटी टीम का गठन कर जांच किया जाए। 12 जुलाई, 2021 को एसीएफ सौम्य रंजन के शरीर में आग लग जाने से उसकी मौत हो गई थी। 13 जुलाई को उसने कटक के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया था। 14 अगस्त से क्राइम ब्रांच घटने की जांच शुरू की थी, लेकिन क्राइम ब्रांच द्वारा की जान वाली जांच पर एसीएफ सौम्य रंजन के परिवार वालों ने असंतोष जताया था। याचिका के मुताबिक, राज्य पुलिस एसीएफ सौम्य रंजन मौत घटने की उपयुक्त जांच कर पाएगा, ऐसी कोई आशा नहीं है। इस घटना की स्वतंत्र जांच टीम द्वारा की जाए। ताकि उसकी मौत की असली वजह सामने आ सके और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इस घटना की सीबीआइ या एसआइटी जांच के लिए गुहार लगाई गई थी। मामले में सीबीआइ, गृह विभाग, अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव, पुलिस डीजी, क्राइम ब्रांच एडीजी आदि को पक्ष बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील पार्थसारथी नायक, आर बेहेरा, एस एस महापात्र मामला की पैरवी कर रहे हैं।