Odisha News: महाप्रभु की धरती पर रोजगार के नए मौके, नई इबारत लिख रहे ओडिशा को पीएम मोदी की सौगात
ओडिशा में 24 साल बाद सत्ता में आई नई भाजपा सरकार राज्य के विकास के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं बना रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से, 'विकास ओडिशा 2036' और 'समृद्ध ओडिशा 2047' नामक दो विजन डॉक्यूमेंट जारी किए गए हैं। इनका लक्ष्य ओडिशा को निवेश का केंद्र बनाना, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, अर्थव्यवस्था को 2036 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना और रोजगार के अवसर पैदा करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों ओडिशा में करोड़ों रुपये की योजनाओं का शुभारंभ किया।
उत्तम नाथ पाठक, भुवनेश्वर। लगभग 24 वर्षों के बीजद के लंबे शासनकाल के बाद, पहली बार पूर्ण बहुमत में ओडिशा में आई भाजपा की सरकार पूर्व की नवीन पटनायक सरकार से बड़ी लकीर खींचना चाहती है। इसे लेकर माझी सरकार को केंद्र की मोदी सरकार कदम-दर-कदम साथ दे रही है। इसी कड़ी में प्रदेश के विकास के लिए दो विजन डाक्यूमेंट तैयार किए गए हैं।
कभी गरीबी और भूखमरी के कगार पर खड़ा ओडिशा अब निवेश के लिए देश-विदेश के उद्योगपतियों की पसंद बन गया है। माझी सरकार विकास की पटरी पर प्रदेश को और तेज दौड़ाना चाहती है। इसके लिए प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उत्कर्ष ओडिशा, मेक इन ओडिशा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माझी सरकार के एक साल के कार्यकाल में शपथ ग्रहण से अब तक आधा दर्जन बार ओडिशा आ चुके हैं।
यह केंद्र सरकार की ओडिशा को लेकर प्राथमिकता बताने के लिए काफी है। 20 जून को माझी सरकार के एक साल पूरा होने पर भुवनेश्वर पहुंचे प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा कि ओडिशा आना उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी बोले- ट्रंप के निमंत्रण मिला, पर मैंने मना कर दिया
उन्होंने कहा, 'अभी दो दिन पहले कनाडा में जी-7 समिट के लिए वहां गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे फोन किया कि आप वाशिंगटन भी आइए। मैंने ट्रंप से कहा कि आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद। मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना बहुत जरूरी है। इसलिए मैंने उनके निमंत्रण को नम्रतापूर्वक मना किया और आपका प्यार महाप्रभु की भक्ति मुझे इस धरती पर खींचकर लाया है।'
ओडिशा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा केवल एक राज्य भर नहीं है। आने वाले समय में भारत के विकास का दिव्य सितारा है। उन्होंने भुवनेश्वर में लगभग 19 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।
साथ ही उन्होंने ओडिशा के विकास के लिए बनाए गए दो विजन दस्तावेज विकास ओडिशा 2036 और समृद्ध ओडिशा 2047 का अनावरण किया। इन दोनों दस्तावेजों को नीति आयोग के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें हर क्षेत्रवार लक्ष्य तय किए गए हैं।
भुवनेश्वर से पारादीप तक मेट्रो जोन
भुवनेश्वर से पारादीप तक मेट्रो जोन विकसित करना, लाजिस्टिक और पोर्ट हब बनाना, आधारभूत ढांचे पर बड़ा निवेश करना, शहरों को पूर्ण विकसित कर स्मार्ट सिटी बनाना आदि शामिल है। विजन डाक्यूमेंट के अनुसार सबसे बड़ा लक्ष्य ओडिशा की अर्थव्यवस्था को 2036 तक 500 अरब डालर तक पहुंचाना है।
प्रदेश की जीडीपी वृद्धि दर अभी 7.2 प्रतिशत है। लौह अयस्क, क्रोमाइट, बाक्साइट, मैंगनीज के साथ तकरीबन साढ़े चार सौ किलोमीटर से अधिक लंबा समुद्री तट और मजबूत रेल एवं सड़क नेटवर्क है। सरकार का मानना है कि उद्योग, कृषि और तकनीक में निवेश से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
ओडिशा में सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई अड्डे
वहीं, बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ करने पर सबसे अधिक जोर है। प्रदेश में सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई अड्डों का अधिक से अधिक विस्तार किया जाएगा। इसी दौरे में ही प्रधानमंत्री ने सोनपुर-पुरुनकटक रेलवे लाइन, सरला-नासोन और झारसुगुड़ा-जामगा रेल लाइन का शिलान्यास व शुभारंभ किया।
भुवनेश्वर में 100 इलेक्ट्रिक बसों के साथ राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन प्रणाली शुरू की गई। पुरी में केबल लैंडिंग स्टेशन और कोरापुट-केंदुझर में डाटा सेंटर बनाया जाएगा। व्यापार, पर्यटन और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए यह बड़ा कदम होगा।
विजन डाक्यूमेंट में उद्योग व रोजगार के नए अवसरों को तैयार करने पर जोर दिया गया है। स्टार्टअप, छोटे उद्योग और बड़े निवेश को बढ़ावा देने की योजना पर काम किया जा रहा है। दिसंबर, 2025 तक इंफो वैली में पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन इकाई शुरू हो जाएगी, जो मेक इन ओडिशा पहल का प्रमुख हिस्सा है।
केंद्र का मिल रहा सहयोग
इसी तरह ग्रीन एनर्जी और आइटी क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। इससे लाखों युवाओं को रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा। सांस्कृतिक रूप से भी ओडिशा को समृद्ध बनाने की योजना है, इसमें बारापुत्र ऐतिहासिक ग्राम योजना के तहत ओडिशा के प्रमुख साहित्यकार, कवि व प्रसिद्ध हस्तियों के जन्मस्थानों में संग्रहालय, पुस्तकालयों में बदला जाएगा।
महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और अन्य ऐतिहासिक धरोहर स्थलों को और आकर्षक बनाया जाएगा। इससे पर्यटन के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। दरअसल विकास के कार्यों को लेकर माझी सरकार जिस तरह संकल्पित दिख रही है और केंद्र का भी उसमें सहयोग मिल रहा है।
इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में ओडिशा विकासशील राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा। दरअसल, भाजपा सरकार 2029 के विधानसभा चुनाव में दोबारा पूर्ण बहुमत से वापसी के प्रयास में अभी से जुटी है।
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