दूसरे गांव के युवक से था पत्नी को प्रेम, पति ने नंगा कर घुमाया, पुलिस की चुप्पी पर सवाल
सुंदरगढ़ जिले में एक पति ने विवाहेतर संबंध के आरोप में अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटा और नग्न करके पूरे गांव में घुमाया। पीड़िता एक युवक के साथ चार दिनों से घर पर थी जिसे ग्रामीणों ने पकड़ा था। बेंगलुरु से लौटे पति ने गुस्से में आकर यह अमानवीय कृत्य किया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद भी पुलिस ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की है।

जागरण संवाददाता, राउरकेला। सुंदरगढ़ जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र के बिरमुंडा गांव से एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे समाज को हिला दिया। विवाहेतर संबंध में पकड़े जाने के बाद पति निर्दयी बन बैठा।
पत्नी को उसने न केवल बेरहमी से पीटा बल्कि नग्न कर पूरे गांव में घुमाया। यह अमानवीय दृश्य जिसने भी देखा, उसका दिल कांप उठा। पीड़िता का दूसरे गांव के युवक से संबंध था। युवक चार दिनों से उसके घर पर ठहरा हुआ था।
ग्रामीणों ने दोनों को पकड़कर गांव में गैरकानूनी पंचायत बैठाई (कंगारु कोर्ट) और जबरन स्वीकारोक्ति कराई। पंचायत चुप रही लेकिन तबाही की पटकथा तय की जा चुकी थी।
निर्दयी पति का उत्पात
घटना की जानकारी लगते ही महिला का पति बेंगलुरु से गांव पहुंचा और फिर निर्दयता की सारी हदें पार कर दीं। इस दौरान किसी ने पूरी घटना मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली।
वीडियो फैलने के बाद लोग इसे इंसानियत के लिए कलंक बता रहे हैं। गांव में कोई इस शर्मनाक घटना पर बोलने को तैयार नहीं। पुलिस औपचारिक जानकारी नहीं कहकर किनारा कर रही है।
कंगारू कोर्ट का जघन्य अपराध
लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कानून हाथ में लेने वाली ऐसी गैरकानूनी पंचायतें गांव में न्याय का नया तरीका बन गई है? क्या महिला को खुलेआम अपमानित करना सामाजिक न्याय कहलाता है? जब अपराध का वीडियो सामने है तो पुलिस क्यों चुप है? संदेश साफ है ऐसी घटनाएं रोकना समाज की जिम्मेदारी है।
यह मामला केवल एक गांव का नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। महिला उत्पीड़न और गैरकानूनी पंचायत जैसी अमानवीय प्रथाएं कानून के शासन को चुनौती देती हैं। यदि आज उदाहरण बनाकर कड़ी कार्यवाही नहीं हुई, तो कल हर गांव में ऐसी ही घृणित घटनाएं खेल बन जाएंगी।
थाने में अभी तक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।- बालुंकेश्वर नायक, थानेदार
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