पश्चिम बंगाल की चार बसों को ओडिशा परिवहन विभाग ने किया जब्त, लगाया 15 लाख से अधिक का जुर्माना
ओडिशा परिवहन विभाग ने पश्चिम बंगाल की चार बसों को जब्त किया है। इन बसों पर परमिट और टैक्स नियमों का उल्लंघन करने के कारण 15 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ना था परमिट, न देते थे टैक्स। बाहर से चमचमाती गाड़ियां, लेकिन सरकार को धोखा दे रहे थे कोलकाता के बस मालिक। अब ऐसे ही कुछ बसों को जब्त कर उन पर जुर्माना ठोका है परिवहन विभाग ने।
चार बसों पर विभाग ने कुल 15 लाख 46 हजार 847 रुपये का जुर्माना लगाया है। गुरुवार को पुरी के मालतीपटपुर बस स्टैंड में परिवहन विभाग की एनफोर्समेंट टीम ने अचानक छापा मारने के बाद इन अवैध बस मालिकों की काली करतूत का खुलासा किया।
परिवहन विभाग की ओर से पश्चिम बंगाल के कोलकाता से पुरी तक चलने वाली चार बसों पर यह भारी जुर्माना लगाया गया है।
क्यों लगा जुर्माना
मिली जानकारी के अनुसार, इन चार बसों के पास न तो रूट परमिट था और न ही टैक्स जमा किया गया था।यानी इन बसों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं था।
जब मन करता, तब आतीं, जब मन करता, तब यात्रियों को लेकर चली जातीं। न किसी का डर, न कोई नियम। पूरी तरह मनमानी तरीके से कारोबार कर रहे थे ये बस मालिक। इसी कारण टैक्स चोरी और परमिट की अनियमितता के आरोप में परिवहन विभाग ने इन बसों को जब्त कर जुर्माना लगाया है।
जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि पुरी से कोलकाता जाने वाली पश्चिम बंगाल की चारों बस (डब्ल्यूबी 29 एफ 6862, डब्ल्यूबी 11 एफ 7499, डब्ल्यूबी 73 जी 7501 और डब्ल्यूबी 29 एफ 3088) मालिकों ने भारी मात्रा में कर चोरी की थी और उनके पास वैध परमिट भी नहीं थे। इसके बाद टीम ने उन पर सामूहिक रूप से 15,46,847 का जुर्माना लगाया।
क्या कहते हैं नियम
इस संबंध में ओडिशा बस मालिक संघ के सचिव देवेंद्र साहू ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार दो तरह के परमिट होते हैं, एक स्टेज कैरेज और दुसरा कॉन्ट्रैक्ट कैरेज।
स्टेज कैरेज बसें उन्हीं स्टॉपेज से यात्रियों को उठा और उतार सकती हैं जिन्हें सरकार ने निर्धारित किया है। इन्हें सरकार द्वारा तय किए गए किराए पर ही यात्रियों से पैसे लेने होते हैं और तय समय-सारिणी के अनुसार चलना पड़ता है।
कॉन्ट्रैक्ट कैरेज बसें शादी, पिकनिक जैसी निजी यात्राओं के लिए होती हैं। ये केवल पॉइंट-टू-पॉइंट (एक जगह से दूसरी जगह) जा सकती हैं। ऐसी बसें रास्ते में यात्रियों को नहीं उठा सकतीं।
कोलकाता से आई ये बसें कॉन्ट्रैक्ट कैरेज परमिट पर चल रही थीं, यानी वे केवल पर्यटकों को लेकर पुरी आ सकती थीं। लेकिन ये रास्ते में जैसे भुवनेश्वर या कटक के स्टॉपेज से भी यात्रियों को उठा रही थीं, जो पूरी तरह नियम-विरुद्ध है।
इसलिए जब्त हुईं महंगी बसें
ये बसें कॉन्ट्रैक्ट कैरेज परमिट पर चल रही थीं, लेकिन काम कर रही थीं स्टेज कैरेज बसों की तरह। न केवल मनमाने ढंग से यात्रियों को उठा रही थीं बल्कि मनचाहा किराया भी वसूल रही थीं। उदाहरण के लिए पुरी से कोलकाता का सरकारी किराया 800 रुपये तय है, जबकि ये बसें कभी मनमर्जी से किराया घटा देतीं तो कभी बढ़ा देतीं।
रथ यात्रा या दशहरा जैसे अवसरों पर किराया 3,000 रुपये तक वसूला जाता था।इसी तरह के नियम उल्लंघन के कारण इन लग्जरी बसों को परिवहन विभाग ने जब्त कर भारी जुर्माना ठोका है।

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