अपने हक को लेकर सड़कों पर कुड़मी समाज, सरकार से की आदिवासी दर्जा दिलाने की मांग, कहा- मर मिटने को भी हैं तैयार
कुड़मी जाति को पुन आदिवासी का दर्जा देने की मांग को लेकर बारीपदा में कुड़मी सेना ने विरोध प्रदर्शन किया। मयूरभंज जिले में कुडमी सेना ने छह घंटे हड़ताल का ऐलान किया। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा।
जागरण संवादददाता, भुवनेश्वर। कुड़मी सेना ने कुड़मी जाति को आदिवासी का दर्जा देने की मांग को लेकर मंगलवार को मयूरभंज जिले में छह घंटे बंद का पालन किया। सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक कुड़मी सेना ने मयूरभंज में बंद का ऐलान किया। कुड़मी सेना के कार्यकर्ताओं ने जिले में विभिन्न स्थानों पर धरना देने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। बंद के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों वाहन फंसे नजर आए।
अधिकार के लिए मर मिटने को भी तैयार कुड़मी समाज
कुड़मी सेना के सदस्यों ने हाथ में प्लाकार्ड लेकर नारेबाजी करते हुए कहा है कि सरकार हमारी मांग जब तक पूरी नहीं करेगी, तब तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम अपने अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो अपने अधिकार के लिए हम मर मिटने को भी तैयार हैं।
बंद का आम जनजीवन पर असर
कुड़मी सेना के इस प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिए जाने से यातायात सेवा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सुबह-सुबह प्रदर्शनकारी हाथ में बैनर एवं प्लाकार्ड लेकर सड़क पर आ जाने से लोगों को नाना प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ा है।
सरकार से की आदिवासी का दर्जा दिलाने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से कुड़मी जाति को फिर से आदिवासी का दर्जा देने की मांग करते हुए केंद्र को पत्र लिखने की मांग की। उल्लेखनीय है कि 21 मार्च को छह घंटे हड़ताल करने का निर्णय कुड़मी सेना के संस्थापक और प्रदेश अध्यक्ष जयमुनि महंत की अध्यक्षता में रायरंगपुर के कुचाइबुरी में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया था।
मौके पर हुए कई गणमान्य उपस्थित
इस अवसर पर जिला कार्यकारी अध्यक्ष साईराम महंत, रायरंगपुर अध्यक्ष भजहरी महंत, छात्र नेता वरुण महंत, आदित्य महंत, मनोज महंत, तन्मय महंत, महिला सेना अध्यक्ष सुजाता महंत, सौभाग्य महंत, प्रेमलता महंत, दीपिका महंत, उर्मिला महंत, संयुक्त महंत, अष्टमी महंत, अनीता महंत, रंजना महंत, पार्वती महंत, अवंती महंत सहित अन्य उपस्थित थे।