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    भारत के एजुकेशन सेक्टर में आएगी क्रांति, शिक्षा विभाग और टेक कंपनी IBM मिलकर करेंगे काम

    By Radhe Shyam VermaEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 03:39 PM (IST)

    भारत के शिक्षा क्षेत्र में क्रांति आने वाली है क्योंकि शिक्षा विभाग और आईबीएम मिलकर काम करेंगे। इस साझेदारी का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाना और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। आईबीएम अपनी तकनीकी विशेषज्ञता से शिक्षा विभाग की मदद करेगा, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को लाभ होगा।

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    आईबीएम सीईओ से चर्चा करते केंद्रीय मंत्री। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, संबलपुर। आईबीएम भारत में शिक्षा, रिसर्च और इनोवेशन में सहयोग करेगा, IBM के सहयोग से भारत एक ग्लोबल टेक डेस्टिनेशन बनेगा और आईबीएम के साथ पार्टनरशिप में भारत के शिक्षा सेक्टर को आधुनिक बनाया जाएगा, ऐसा केंद्रीय मंत्री व संबलपुर सांसद धर्मेंद्र प्रधान ने आईबीएम के ग्लोबल सीईओ व चेयरमैन अरविंद कृष्ण के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद बताया है।

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    भारत में शिक्षा में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने के मकसद से, सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक, IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मशीन्स कॉर्पोरेशन) के ग्लोबल CEO और चेयरमैन अरविंद कृष्ण के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मुद्दे पर चर्चा हुई।

    शिक्षा, रिसर्च और इनोवेशन में AI का रोल

    इस चर्चा में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा करने और आईबीएम के साथ पार्टनरशिप में भारत के शिक्षा सेक्टर को आधुनिक बनाने पर फोकस किया गया।

    चर्चा इस बात पर फोकस थी कि भारत में शिक्षा, रिसर्च और इनोवेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को कैसे शामिल किया जाए।

    खास तौर पर, इस बात पर काफी चर्चा हुई कि आईबीएम, शिक्षा मंत्रालय के साथ कैसे पार्टनरशिप कर सकता है ताकि देश के आर्टिफिशल इंटेलीजेंस एजुकेशन को हर जगह पहुंचाने और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी जरूरी टेक्नोलॉजी के लिए एक मजबूत टैलेंट पूल बनाने के विजन को आगे बढ़ाया जा सके।

    नई तकनीक को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का मिशन

    शिक्षा मंत्रालय इस टेक्नोलॉजी को देश के हर कोने में, बड़े इंस्टीट्यूशन से लेकर दूर-दराज के इलाकों के कॉलेजों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल भारत को एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब के तौर पर मजबूत करेगी और भारतीय युवाओं के लिए अनगिनत मौके और संभावनाएं पैदा करेगी।

    इस चर्चा में भारत के कॉन्सुल जनरल एम्बेसडर विनय श्रीकांत प्रधान, स्कूल और हायर एजुकेशन मंत्रालय के सेक्रेटरी, आईआईटी और आईआईएससी, बैंगलोर के डायरेक्टर और कई दूसरे सीनियर अधिकारी मौजूद रहे।

    गौर करने वाली बात यह है कि आईबीएम जैसी ग्लोबल कंपनी, जिसने कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के अलग-अलग फील्ड में नाम कमाया है, की पार्टनरशिप भारतीय एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव लाएगी। खबर है कि इस पार्टनरशिप को जल्द ही आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।