ओडिशा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, फणि चक्रवात के पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा और जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने 'फणि' चक्रवात से प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के मामले में ओडिशा के जिला प्रशासन को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी करन ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। चक्रवात ‘फणि’ से प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के मामले में जिला प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे प्रशासन को आखिरकार हार का सामना करना पड़ा। शीर्ष अदालत ने फणि प्रभावितों को निर्धारित मुआवजा देने के साथ-साथ प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया है।
बताया जाता है कि फणि चक्रवात के बाद बेघर हुए परिवारों का सर्वे कराया गया था। सर्वे में योग्य पाए जाने के बावजूद पुरी सदर ब्लॉक के कन्हेई विद्याधरपुर गांव के 67 परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया। दो साल बाद दोबारा कराए गए सर्वे में प्रशासन ने सभी को अयोग्य घोषित कर दिया। इससे नाराज प्रभावित परिवारों ने हाईकोर्ट का रुख किया।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद प्रत्येक प्रभावित परिवार को 95,100 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था, लेकिन जिला प्रशासन ने इस आदेश का भी पालन नहीं किया। आदेश की अवहेलना को लेकर चार प्रभावितों ने पुरी तहसीलदार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की, जिसमें तहसीलदार को अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना पड़ा।
इधर, जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी प्रशासन को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि प्रभावितों को हाईकोर्ट द्वारा तय मुआवजे के साथ-साथ प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये जुर्माना भी दिया जाए।
अब प्रशासन को प्रत्येक प्रभावित परिवार को कुल 1 लाख 5 हजार 100 रुपये का भुगतान करना होगा। लंबे समय तक पीड़ितों को न्याय के लिए भटकाने और सरकारी धन से मुकदमा लड़ने के बाद आए इस फैसले को जिला प्रशासन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मामले में प्रभावितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरूपानंद गोस्वामी ने पैरवी की।

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