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    Odisha News: सूट की 30 बसों को किया गया स्क्रैप, जल्द मिल सकती है नई ई-बसों की सौगात

    Updated: Wed, 28 May 2025 01:03 PM (IST)

    सुंदरगढ़ में सूट और संपर्क द्वारा शुरू की गई बस सेवा अब बंद हो गई है। रखरखाव और घाटे के कारण ऑपरेटरों ने संचालन बंद कर दिया था। वर्षों से खड़ी बसें सड़ गईं जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें स्क्रैप कर दिया। इंजन और टायर जैसे पुर्जे गायब थे। नई ई-बस लाने की योजना है लेकिन कितनी आएंगी यह स्पष्ट नहीं है।

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    सूट की 30 बसों को स्क्रैप कर नई ई-बस लाने की योजना

    अनीसुर रहमान, राउरकेला। सूट (सुंदरगढ़ अर्बन ट्रांसपोर्ट ट्रस्ट) व संपर्क द्वारा 2014 में शुरू की गई बस सेवा अब पूरी तरह बंद हो गई है। 30 बसों के साथ नगर से विभिन्न रूटों पर चल रही बसें, देखरेख के अभाव व घाटे के कारण बस ऑपरेटरों द्वारा इसके संचालन को बंद कर दिया था।

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    खड़े-खड़े खराब हो गईं बसें

    मौजूदा आम बस पार्किंग स्थल पर सभी बसें कई वर्षों तक खड़ी-खड़ी सड़ गईं। हाल ही में सभी बसों के पूरी तरह बदहाल होने के बाद इसे प्रशासन की सहमति से क्रूट (कैपिटल रीजन अर्बन ट्रांसपोर्ट) द्वारा स्क्रैप करा दिया गया।

    मिली जानकारी के अनुसार सूट की कई बसों में से इंजिन,टॉयर समेत कई पुर्जे गायब हो गए थे, जिससे कोई भी बस चलाने लायक नहीं थी।

    स्क्रैप कराई गईं बसें

    इसके बाद क्रूट ने लगभग 30 बसों को खुर्दा स्थित आरवीएसएफ(पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा) में स्क्रैप करा दिया। क्रूट के एक अधिकारी ने नाम न दर्शाने की शर्त पर बताया कि इन बसों को स्क्रैप कर नई ई-बस लाने की योजना है। इसे लेकर जिलाप्रशासन और राज्य सरकार के बीच बातचीत चल रही है।

    कितनी ई-बसें आएंगी अबतक यह स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन अगर आगामी दिनों बसें आती है तो इसकी देखरेख की जिम्मेदारी क्रूट को मिल सकती है।

    गौरतलब है कि 2014 नवंबर महीने में 13 ऑपरेटरों द्वारा गठित संर्पक संगठन ने सूट बस सेवा में 24 लाख रुपये से अधिक का निवेश किया था। ऑपरेटरों ने कई रूट पर बस का संचालन कर अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन अधिकांश रूट पर पर्याप्त यात्री न होने पर घाटा होने लगा था।

    बस से आने वाली आय से ऑपरेटर को बस का रखरखाव, चालक और टिकट कंडक्टर का वेतन, डीजल, टोल व सूट को मासिक किराया समेत अन्य कई खर्च करने पड़ रहे थे। आमदनी से अधिक खर्च का हवाला देते हुए ऑपरेटरों ने हाथ खड़े कर दिए।

    इसके बाद जिला प्रशासन ने इसके संचालन में और दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिस वजह से बस खड़ी-खड़ी सड़ गई और अब इसे आखिरकार स्क्रैप करना पड़ा। सूट बस योजना जिला के लिए फ्लॉप साबित हुई वहीं सरकारी फंड के दुरुपयोग की भी मिसाल बन गई।