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Anti-ship missile Test: एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण, बढ़ेगी नौसेना की ताकत

Successful test of anti-ship missileओडिशा के बालेश्‍वर में नौसेना के हेलीकॉप्टर सीकिंग 42 बी से एक सफल परीक्षण किया गया। हेलीकॉप्टर से छोड़े जाने के बाद यह मिसाइल सभी मानकों एवं मानदंडों पर सटीक उतरते हुए अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने में कामयाब रही।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 02:58 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 02:59 PM (IST)
स्वदेश निर्मित पहला एंटी शिप मिसाइल सिस्टम जिसे हवा से दागा गया

बालेश्वर, लावा पांडे। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विगत कई महीनों से कई पुराने और नए अत्याधुनिक मिसाइलों का परीक्षण करता चला आ रहा है। कई मिसाइलों को हवाई जहाजों से तो कई मिसाइलों को नौसैनिक जहाजों से तो कई मिसाइलों को जमीन से हवा की ओर सफलतापूर्वक उड़ाते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन आज पूरे विश्व में मानो मील का पत्थर मिसाइल के क्षेत्र में बन चुका है। इसी के तहत आज यानी कि बुधवार को सुबह 8:50 पर ओडिशा के आइटीआर परीक्षण स्थल के बालेश्वर में नौसेना के हेलीकॉप्टर सीकिंग 42 बी से एक सफल परीक्षण किया गया।

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इस परीक्षण को काफी खास माना जा रहा है। यह परीक्षण हो जाने से भारत को मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर माना जा रहा है साथ ही यह नौसेना की स्वदेशी हथियारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। आज के इस परीक्षण में मिसाइल ने अपने सभी निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक ध्वस्त करने में कामयाब रही यह नौसेना के लिए स्वदेश निर्मित पहली एंटी शिप मिसाइल सिस्टम है जिसे हवा से दागा गया। हेलीकॉप्टर से छोड़े जाने के बाद यह मिसाइल सभी मानकों एवं मानदंडों पर सटीक उतरते हुए अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने में कामयाब रही। आज के इस परीक्षण को सेंसर के जरिए मिसाइल के पथ की निगरानी की और उसके सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

पहली बार ही में मिसाइल के परीक्षण के सफल परीक्षण को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ नौसेना एवं इस सिस्टम के निर्माण से जुड़े समस्त लोगों को बधाई दी है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि इस सफलता के बाद भारत मिसाइल सिस्टम की स्वदेशी डिजाइन एवं विकास करने की क्षमता हासिल कर लिया है। वहीं डीआरडीओ के चेयरमैन डाक्टर जी सतीश रेड्डी ने प्रोजेक्ट के प्रयास की सराहना की है और मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी है।

इससे पहले भारतीय वायु सेना ने गत गुरुवार को सुखोई 30 एमकेआई से ब्रह्मोस मिसाइल के विस्तारित रेंज वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया सूत्रों की माने तो इस महीने के अंत तक भारतीय डीआरडीओ तथा रक्षा विभाग करीब आधा दर्जन मिसाइलों का परीक्षण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अधिकांश मिसाइलों को हवाई जहाज से ही दागा जाएगा सूत्रों की माने तो चंद मिसाइलों को ही जमीनी परीक्षण स्थल से हवा की ओर दागा जाएगा आज इसके परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ और नौसेना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।


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