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    Similipal Sanctuary closed: पर्यटकों के लिए चार माह के लिए बंद हुआ शिमिलीपाल अभयारण्य, जानें कब से कब तक रहेगा बंद

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jun 2022 01:19 PM (IST)

    Shimilipal Sanctuary closed बारिश का मौसम आने से पर्यटकों की सुरक्षा को तरजीह देते हुए शिमिलीपाल अभयारण्य को आज से चार महीने के लिए बंद कर दिया गया है। शिमिलीपाल अभयारण्य के अन्दर मिट्टी का रास्ता है एवं यहां बनाए गए पुल खतरनाक अवस्था में है।

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    Shimilipal Sanctuary closed : शिमिलीपाल अभयारण्य को आज से चार महीने के लिए बंद कर दिया गया है

    भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। शिमिलीपाल अभयारण्य को आज से चार महीने के लिए बंद कर दिया गया है। बारिश का मौसम आने से पर्यटकों की सुरक्षा को तरजीह देते हुए अभयारण्य को बंद करने का निर्णय लिए जाने की जानकारी उत्तर शिमिलीपाल के एसीएफ प्रदीप कुमार दे ने दी है। उन्होंने कहा है कि शिमिलीपाल अभयारण्य के अन्दर मिट्टी का रास्ता है एवं यहां बनाए गए पुल खतरनाक अवस्था में है। ऐसे में हर साल मानसून आगमन से पहले शिमिलीपाल को अक्टूबर महीने के अंत तक बंद रखा जाता है। बारिश कम होने पर अभयारण्य का रास्ता एवं पुल का मरम्मत किया जाता है। इसके बाद ठंड का मौसम आने के बाद 1 नवम्बर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है।

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    दूर-दूर से आते हैं पर्यटक

    2750 वर्ग किमी. में फैले शिमिलीपाल अभयारण्य में मौजूद बरेहीपाणी, जोरंदा आदि जगहों पर झरना देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक यहां घूमने आते हैं। इसके साथी नअणा, गुडुगुडिआ की प्राकृतिक सौंदर्यता का भी पर्यटक आनंद लेते हैं। कुछ साल से शिमिलीपाल अभयारण्य में रात के समय ठहरने की भी व्यवस्था की गई है। ऐसे में पर्यटकों का आकर्षण यहां ज्यादा हुआ है। इसके लिए गुडुगुडिया, जामुआणी, रामतीर्थ एवं कुमारी में कैंप के साथ ही काटेज की व्यववस्था की गई है।

    जून 16 से 31 अक्टूबर तक शिमिलीपाल अभयारण्य बंद रहेगा

    उत्तर शिमिलीपाल वनखंड के एसीएफ प्रदीप कुमार दे ने कहा है कि हर साल की तरह इस साल भी जून 16 से 31 अक्टूबर तक शिमिलीपाल अभयारण्य बंद रहेगा। जनवरी में कोविड प्रतिबंध रहने से कई टिकट कैंसिल हो गए थे। इसके बाद भी काफी संख्या में पर्यटक इस साल शिमिलीपाल पहुंचे और लगभग ढाई करोड़ रुपये राजस्व कमाई हुई है। 1 नवम्बर को शिमिलीपाल खुलने के बाद रिकार्ड संख्या में यहां पर्यटक पहुंचे और राजस्व अदा किया गया है। इसके साथ ही इस साल 6 जंगल सफारी बस चलायी गई थी। इससे अधिक संख्या में पर्यटक पहुंचे। आगामी दिनों में इस सेवा को और व्यापक किया जाएगा। जंगल सफारी का पर्यटकों का आनंद मिले इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।