शिशु भवन का होगा कायाकल्प, बेड 200 से बढ़कर 846, 114 नए पद स्वीकृत, 550 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च
शिशु भवन भुवनेश्वर का विस्तार और आधुनिकीकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने 200 से बढ़ाकर 846 बेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए 114 नए पद स्वीकृत हुए हैं जिन पर सरकार हर साल लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च करेगी। नई सात मंजिला इमारत में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी जिससे पीडियाट्रिक पीजी और सर्जरी की सीटें भी बढ़ेंगी।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। शिशु भवन का चेहरा बदलने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके विस्तार और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिशुभवन में बेड की संख्या 200 से बढ़ाकर 846 कर दी गई है।
इसके लिए 114 नए पदों को मंजूरी मिली है। इन पदों के लिए राज्य सरकार हर साल करीब 550 करोड़ रुपये खर्च करेगी, यानी हर महीने लगभग 45 करोड़ रुपये वेतन पर खर्च होंगे।
नई सात मंजिला इमारत के लिए 59 डॉक्टरों के पद बढ़ाए गए हैं। इनमें 5 प्रोफेसर, 10 एसोसिएट प्रोफेसर, 18 असिस्टेंट प्रोफेसर, 24 सीनियर रेजिडेंट, 2 मेडिकल ऑफिसर, एक ब्लड बैंक और एक दवा भंडार के लिए पद शामिल हैं।
इसके अलावा 25 पैरामेडिकल स्टाफ और 30 प्रशासनिक कर्मचारियों के पद स्वीकृत हुए हैं। अभी अस्पताल में 33 डॉक्टर हैं।
वहीं नर्सिंग स्टाफ की संख्या 180 से बढ़ाकर 556 की जाएगी।नई इमारत का उद्घाटन इस साल 11 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने किया था। उसके बाद ही पदों की मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हुई।
इधर डॉक्टरों के पद बढ़ने के साथ ही शिशु भवन में पीडियाट्रिक पीजी और सर्जरी की सीटें बढ़ाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। अभी पीडियाट्रिक में 24 और सर्जरी में 6 सीटें हैं। नए प्रावधान के तहत 15 सीटें प्रोफेसर पद और 20 सीटें एसोसिएट प्रोफेसर पदों के आधार पर बढ़ेंगी।
प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पूर्णकालिक जॉइन करने के बाद उनके नाम नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को भेजे जाएंगे। एनएमसी की टीम अधोसंरचना, क्लास रूम और फैकल्टी की स्थिति जांचकर अंतिम स्वीकृति देगी।बताया जा रहा है कि 1960 में शिशु भवन की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।