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    Scrub Typhus: ओडिशा में बढ़ता जा रहा स्क्रब टाइफस संक्रमण, लोगों को सतर्क रहने की दी गई सलाह

    जन स्वास्थ्य निदेशक ने स्क्रब टाइफस से सावधान रहने को कहा है क्योंकि वर्तमान समय में स्क्रब टाइफस बढ़ रहा है। यह चिग्गर नामक एक कीट के कारण होता है। यह बीमारी खेत या जंगल में जाने वाले लोगों को ज्यादा होती है। यह स्क्रब टाइफस होने से बुखार जल्दी ठीक नहीं होता है। इससे मृत्यु की भी संभावना है।

    By Sheshnath RaiEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 13 Sep 2023 04:00 AM (IST)
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    ओडिशा में बढ़ता जा रहा स्क्रब टाइफस संक्रमण (file photo)

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे डेंगू मामले के बीच जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. निरंजन मिश्र ने कहा है कि केवल डेंगू ही नहीं राज्य में स्क्रब टाइफस का संक्रमण भी बढ़ रहा है। ऐसे में उन्होंने राज्य के लोगों को सावधान रहने की सलाह दी।

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    जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने कहा है कि वर्तमान समय में डेंगू स्थिर अवस्था में है। भुवनेश्वर में रोजाना 80 से 100 मामले सामने आ रहे हैं जबकि राज्य भर में रोजाना 200 मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि 10 सितम्बर को राज्य भर में 68,610 नमूनों का परीक्षण किया गया था, इनमें से 5097 डेंगू के मरीजों की पहचान की गई है। खुर्दा जिले में सबसे अधिक 2133 मरीजों की पहचान हुई है।

    यह एक वायरल बीमारी है। यह मानव से मानव में संचारित नहीं होती है। डेंगू तब होता है जब एक मच्छर डेंगू के मरीज को काटता है और वही मच्छर फिर दूसरे इंसान को काट देता है। अगर डेंगू के मरीज राज्य के बाहर से आते हैं तो परिवार के संक्रमित होने का खतरा रहता है।

    जन स्वास्थ्य निदेशक ने स्क्रब टाइफस से सावधान रहने को कहा है क्योंकि वर्तमान समय में स्क्रब टाइफस बढ़ रहा है। यह चिग्गर नामक एक कीट के कारण होता है। यह बीमारी खेत या जंगल में जाने वाले लोगों को ज्यादा होती है। यह स्क्रब टाइफस होने से बुखार जल्दी ठीक नहीं होता है।

    इससे मृत्यु की भी संभावना है। यह शरीर के जिस अंग में काटता है, वहां की स्क्रीन डेड हो जाती है। जिसे एचार कहा जाता है। सभी जिला अस्पतालों के डीपीएचएल में इसकी जांच एलाइजा पद्धति से कराने का प्रावधान है। इस बीमारी के बारे में समय से पता चलने पर उपचार आसान हो जाएगा।

    सामान्य एंटीबायोटिक्स काम करेंगे। स्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि जिन लोगों का बुखार कम नहीं हो रहा है, वे अपना टेस्ट करवा लें। क्योंकि इसे पैराक्सिया परानरिज़िन कहा जाता है। स्क्रब टाइफस के लिए पैराक्सिया पैरानरिज़िज़िन का स्क्राब टाइफस परीक्षण किया जाता है। यह बीमारी बरगढ़, नवरंगपुर और सुंदरगढ़ में फैल रही है। लेकिन सबसे ज्यादा सैंपल केंदुझर से आ रहे हैं।