संबलपुर, संवाद सूत्र। ओडिशा में कुछ वर्ष पहले तक गांजे की अवैध खेती को लेकर चर्चित संबलपुर जिले का रेढ़ाखोल उपसंभाग इनदिनों अफीम की अवैध खेती को लेकर सुर्खियों में है। शनिवार के दिन अफीम की अवैध खेती को लेकर 3 संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
गुप्त और विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद रविवार के दिन, संबलपुर जिला आबकारी अधीक्षक अशोक कुमार सेठ के नेतृत्व में विभागीय अधिकारियों समेत रेढ़ाखोल पुलिस की संयुक्त टीम ने रेढ़ाखोल थाना अंतर्गत गोपालपुर गांव के एक दुर्गम स्थान पर औचक छापेमारी की। इस दौरान टीम ने अफीम की अवैध खेती का पर्दाफाश करने समेत इस मामले में तीन संदिग्धों को पकड़ा है।
गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी
संबलपुर जिला आबकारी अधीक्षक अशोक कुमार सेठ ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार के दिन अफीम की अवैध खेती की गुप्त सूचना मिलने के बाद योजना बनाकर रविवार के दिन गोपालपुर गांव के निकट छापेमारी की गई।
60 से 70 लाख की अफीम जप्त
इस छापेमारी के दौरान घटनास्थल पर करीब 40 डिसमिल भूमि पर अफीम की अवैध खेती का पता चला और वहां से करीब दस हजार अफीम के पौधे और प्रोसेस किया गया, अफीम जब्त किया गया, जिसका अनुमानित कीमत करीब 60-70 लाख रुपए है।
झारखंड से जुड़े हैं तार
आबकारी अधीक्षक सेठ ने आगे बताया कि घटनास्थल से हिरासत में लिए गए तीन संदिग्धों से पूछताछ और प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद पता चला है कि अफीम की इस अवैध खेती के पीछे झारखंड के माफिया का हाथ है, जो स्थानीय लोगों की सहायता से अफीम की खेती कर रहा था।
इस अवैध खेती के लिए नई तकनीक का इस्तमाल किया जा रहा था और यहीं पर अफीम की प्रोसेसिंग भी की जा रही थी।
उन्होंने आगे बताया कि जिस तरह रेढ़ाखोल इलाके में गांजा की अवैध खेती को खत्म किया गया है, उसी तरह अफीम की अवैध खेती को भी पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
बाहरी राज्यों के माफिया को संबलपुर जिला में ऐसे नशीले पदार्थों की खेती नहीं करने दी जाएगी। उन्होंने आमलोगों से भी इस नशीले कारोबार पर अंकुश लगाने में आबकारी और पुलिस की सहायता करने की अपील की है।