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    Odisha News: दो हजार किमी की दूरी तय करके ओडिशा पहुंचा रॉयल बंगाल टाइगर, गाय के शिकार से डरे स्थानीय ग्रामीण

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Thu, 23 Nov 2023 09:54 PM (IST)

    उपयुक्त क्षेत्र की तलाश में एक रॉयल बंगाल टाइगर चार राज्यों को पार करते हुए ओडिशा पहुंचा है। इस दौरान उसने करीब दो हजार किलोमीटर की दूरी तय किया है। परलाखेमुंडी के वन अधिकारी एस. आनंद ने बताया कि ऐसा ही एक बंगाल टाइगर महाराष्ट्र के जंगलों में भी स्पॉट किया गया था। वन अधिकारी बाघ स्पॉट होने के बाद से जंगली जानवरों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं।

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    उपयुक्त क्षेत्र की तलाश में ओडिशा पहुंचा रॉयल बंगाल टाइगर। (फाइल फोटो)

    एजेंसी, भुवनेश्वर। ओडिशा के जंगलों में एक रायल बंगाल टाइगर स्पॉट किया गया है, जो उपयुक्त क्षेत्र की तलाश में चार राज्यों में 2,000 किमी से अधिक की यात्रा कर चुका है। परलाखेमुंडी डिवीसन के वन अधिकारी एस. आनंद ने बताया कि ऐसा ही एक बंगाल टाइगर महाराष्ट्र के जंगलों में भी स्पॉट किया गया था।

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    एस. आनंद ने बताया कि ओडिशा आए इस मेल टाइगर का स्ट्रिप पैटर्न महाराष्ट्र के एक जंगल में स्पॉट किए किए गए टाइगर के समान पाया गया है। इस बाघ को सितंबर से ही ओडिशा के गजपति जिले के महेंद्र वन रेंज में देखा जा रहा है। परलाखेमुंडी डिवीसन के अधिकारी बंगाल टाइगर स्पॉट होने के बाद से जंगली जानवरों की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं।

    अन्य वन्यजीव संस्थानों को भेजी गई बाघ की तस्वीरें

    एस. आनंद ने कहा कि बाघ को इस क्षेत्र में पहली बार देखा गया है, इसलिए उन्होंने बाघ के मूल क्षेत्र का पता लगाने के लिए उसकी तस्वीरें और अन्य विवरण भारतीय वन्यजीव संस्थान को भेजा गया है।

    वन अधिकारी ने बताया कि डब्ल्यूआईआई ने इस बात की पुष्टि की है कि हमारे कैमरे में कैद टाइगर की तस्वीर महाराष्ट्र के ब्रह्मपुरी वन प्रभाग में ली गई बाघ की तस्वीर से मेल खाती है।

    इन राज्यों को कवर कर ओडिशा पहुंचा बाघ

    वन अधिकारी ने कहा कि इसके अनूठे स्ट्रिप पैटर्न और अन्य विवरणों से इसकी पुष्टि हुई कि बाघ लगभग 2,000 किलोमीटर की यात्रा करके महाराष्ट्र से ओडिशा आया है। वन अधिकारी के मुताबिक, इस बंगाल टाइगर ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा को कवर किया है।

    बाघ द्वारा एक गाय को मार डालने के बाद अनलाबारा गांव के निवासी घबरा गए हैं। अनलाबारा के एक ग्रामीण ने कहा कि कोई भी अनहोनी घटे इससे पहले हम वन विभाग के विभाग से अनुरोध करते हैं कि बाघ को पकड़कर किसी चिड़ियाघर या वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाए।

    बाघ द्वारा गाय को मारकर खाने से आतंकित हैं स्थानीय

    परलाखेमुंड के सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) अशोक बेहरा ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए 35 सदस्यों वाली पांच टीमों को तैनात की गई है।

    प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने लोगों से दहशत में न रहने और वन अधिकारियों की सलाह का पालन करने की अपील की है। नंदा ने कहा कि चूंकि राज्य में बाघों की गणना चल रही है, बाघों को कैमरों में कैद किया जा रहा है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

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