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    पुरी में चूहे ने बढ़ाई भगवान की परेशानी, खुली छूट के साथ कर रहे हैं ऐसे-ऐसे काम, सेवादारों ने पकड़ा माथा

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Thu, 12 Jan 2023 01:38 PM (IST)

    पुरी के विश्‍व प्रसिद्ध श्री मंदिर में चूहों ने जमकर उत्‍पात मचा रखा है। कभी ये भगवान के भेष तो कभी लकड़ी से बनी प्रतिमाओं को कुतरते हैं। इससे आगे चलकर मंदिर की संरचना को खतरा पहुंच सकता है।

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    श्रीमंदिर पुरी में चूहों का आतंक, जमकर मचा रहे हैं उत्‍पात

    संतोष पांडेय, अनुगुल। पुरी के श्रीमंदिर में चूहे के खतरे ने कई मुद्दों को जन्म दिया है और ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में इसकी काफी चर्चा हो रही है। गौरतलब है कि दो दिन से पुरी के विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर या श्रीमंदिर के गर्भगृह (गरबा गृह) में चूहों ने जमकर उत्पात मचा रखा है। रिपोर्टों के अनुसार, चूहों ने भगवान जगन्नाथ से जुड़ी पवित्र नागनागुनी (नाग-नागिन) रस्सी को कुतर दिया है, जिससे देवताओं को बहुत नुकसान हुआ है।

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    मंदिर के लिए चूहों का खतरा गंभीर

    जगन्नाथ पुरी के सेवकों ने कहा कि गर्भगृह और देवी-देवताओं की लकड़ी की मूर्तियों के लिए चूहों के तत्काल खतरे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। चूहों ने देवी-देवताओं के वस्त्र कुतर डाले हैं, लकड़ी की मूर्तियों के चेहरों को विरूपित कर दिया है और यहां तक ​​कि खोदकर गर्भगृह की संरचना को भी खतरे में डाल दिया है।

    इस रास्‍ते से चूहों का हो रहा है प्रवेश

    कहा जा रहा है कि कालाहाट द्वार से रत्न सिंहासन क्षेत्र में चूहों का प्रवेश होता है। गौरतलब है कि गर्भगृह में चूहों के साथ-साथ कॉकरोचों की भी भरमार है। रिपोर्टों से पता चलता है कि गर्भगृह के पानी को लक्ष्मी मंदिर के सामने नाली के माध्यम से निकाला जाता है, जिस पर ढक्कन नहीं है इसलिए यह संभव है कि चूहे इसी रास्‍ते से अंदर घुस रहे हैं। 

    कोरोना के समय में मंदिर में थी चूहों की भरमार

    मंदिर के एक पंडा ने कहा कि यदि मंदिर प्रशासन ने मामले को हल नहीं किया, तो चूहे एक दिन लकड़ी की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाएंगे। 2020 और 2021 में कोविड के प्रकोप के दौरान मंदिर में चूहों और तिलचट्टों की आबादी आसमान छू गई थी। उस दौरान मंदिर कई महीनों तक भक्तों के लिए बंद रहा था। इंसानों की गतिविधि कम होने के कारण चूहों के पास खुली छूट थी।

    मंदिर में रैट ट्रैप लगाने की मांग

    इधर, सेवायतों और श्रीमंदिर प्रशासन ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि चूहों से भगवान और उनके भाई-बहनों को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, सेवायतों ने चूहे के खतरे को रोकने के लिए रैट ट्रैप लगाने की मांग की है। 

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