Rath Yatra 2025: प्रतिबंध के बाद भी रथ पर मोबाइल ले जाने वालों के खिलाफ एक्शन, 7 सेवकों पर FIR
पुरी रथ यात्रा में प्रतिबंध के बावजूद सात सेवकों पर रथ पर मोबाइल फोन ले जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने उल्लंघन की सूचना दी जिसमें रथ की पवित्रता और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरे का हवाला दिया गया। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढी ने पहले ही रथ खींचने के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगा दी थी।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी में रथ यात्रा के दौरान आधिकारिक प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए रथ पर मोबाइल फोन ले जाने के आरोप में श्रीमंदिर के सात सेवायतों के खिलाफ सिंहद्वार पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।
मंदिर अधिकारियों के अनुसार, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन एसजेटीए ने पुलिस को एक औपचारिक शिकायत पत्र भेजा था, जिसमें उल्लंघन को उजागर किया गया था। शिकायत में कहा गया है कि पवित्र रथ पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल न केवल इसकी पवित्रता का उल्लंघन करता है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।
स्पष्ट प्रतिबंधों के बावजूद, सेवकों ने रथ पर अपने फोन ले गए, जिसके कारण प्रशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसके बाद, इसमें शामिल सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
मंदिर प्रशासन ने दोहराया कि रथ यात्रा की पवित्रता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा इससे समझौता करने वाली किसी भी कार्रवाई से सख्ती से निपटा जाएगा।
इससे पहले पुरी में विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा महोत्सव की तैयारी के लिए समन्वय बैठक के दौरान, एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि रथ खींचने के दौरान किसी भी सेवक को मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी भी गैर-सेवक को रथ खींचने के दौरान रथ के ऊपर चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अनियंत्रित घटनाओं पर अंकुश लगाने और रथ यात्रा 2025 के लिए अधिकतम सुरक्षा प्रदान करने के लिए, ओडिशा सरकार ने सख्त नियामक उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की, जिसमें भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र या देवी सुभद्रा के रथों पर चढ़ने वाले गैर-सेवकों की गिरफ्तारी भी शामिल है।
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