Puri Stampede: जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा, भगदड़ में 3 की मौत और 100 से ज्यादा घायल; जांच में जुटी पुलिस
ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान एक दुखद घटना घटी। रथ यात्रा के बीच मची भगदड़ में तीन लोगों की जान चली गई जबकि छह अन्य घायल हो गए। घायलों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। बीते कुछ दिनों से जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा का आयोजन चल रहा है। घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है।

जागरण संवाददाता, पुरी। रविवार सुबह पुरी के शरधाली इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति में तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में दो महिला और एक पुरुष है। मृतकों की पहचान बसंती साहू, प्रेमकांत मोहंती और पार्वती दास के रूप में हुई है। वहीं, 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
खबर के मुताबिक, रविवार होने की वजह से आज सुबह करीब 4 बजे श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने खड़े तीनों रथों पर चतुर्थ विग्रहों का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। भारी भीड़ के कारण श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई और रथ के पास भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
सीएम मोहन चरण माझी ने भक्तों से माफी मांगी
पुरी मंदिर में भगदड़ से मची अफरातफरी के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बयान जारी कर भगवान जगन्नाथ के भक्तों से इस दुखद घटना के लिए माफी मांगी है।
STORY | 3 killed, 50 injured in stampede near Shree Gundicha Temple in Odisha's Puri
— Press Trust of India (@PTI_News) June 29, 2025
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VIDEO | Visuals from Puri district hospital where injured are being admitted. pic.twitter.com/0b9TLnBZUB
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सौमेंद्र प्रियदर्शी एवं पिनाक मिश्रा के पास थी। हालांकि वह रात 1 बजे के बाद अपने गेस्ट रूम में विश्राम करने चले गए।
घायलों को अस्पताल ले जाते हुए एंबुलेंस। पीटीआई
पुलिस के लापरवाह रवैये से भक्तों ने जान गंवाई
इससे भारी भीड़ को नियंत्रित कर रही पुलिस के लापरवाह रवैये का खामियाजा आम भक्तों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा है। कुछ भक्तों ने लिखा है कि ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक नियंत्रण में लगी हुई थी परंतु गुंडिचा मंदिर के सामने उमड़ी भीड़ को जगन्नाथ भरोसे छोड़ दिया गया था।
प्रशासन को पहले से पता था कि रथ यात्रा के दिन अधिकांश भक्त महाप्रभु का दर्शन नहीं कर पाए हैं। ऐसे में गुंडिचा मंदिर के सामने रथ पर विराजमान महाप्रभु का दर्शन करने के लिए भक्ति आतुर हैं।
बावजूद इसके भीड़ को नियंत्रित करने को प्रशासन की तरफ से वह व्यवस्था नहीं की गई जो करनी चाहिए थी। इस भगदड़ में शताधिक भक्तों के घायल होने की भी सूचना मिली है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार दूसरे दिन तीनों रथों को खींचकर भक्त शरधाबाली के पास पहुंचाए। ऐसे में गुंडिचा मंदिर के सामने-खड़े तीनों रथ पर विराजमान चतुर्था विग्रह का दर्शन पूरी रात चला। निर्धारित रीति के मुताबिक आज अपराह्न चार बजे चतुर्धा विग्रहों को गुंडिचा मंदिर में लिया जाएगा।
पुलिस ने दी सफाई
इस मामले में सफाई देते हुए पुलिस महानिदेशक वाई बी खुरानिया ने कहा है कि भगदड़ के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है। वहीं, खुरानिया ने घटना की जांच के निर्देश दिए।
पुलिस डीजी वाईबी खुरानिया ने कहा है कि भगदड़ किस वजह से हुई, इसकी जांच चल रही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज
भगदड़ में तीन लोगों की मौत की घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज किया गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता जयंत दास ने यह मामला दर्ज कराया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा है कि पुलिस डीजी और जिला कलेक्टर को तुरंत हटाया जाना चाहिए। खास तौर पर पुरी का ऐसा जिला कलेक्टर जो ठीक से चल भी नहीं सकता, ऐसे व्यक्ति को पुरी कलेक्टर की जिम्मेदारी देना ठीक नहीं है।
कैसे मची भगदड़?
भारी बारिश के कारण श्रद्धालु अपने साथ प्लास्टिक की चादरें लेकर आए थे। भगदड़ मचने के बाद जब लोग इधर-उधर भागने लगे तो उनके पैर प्लास्टिक की चादरों से फिसल गए और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लकड़ी से भरे दो ट्रक भीड़ में घुस गए, जिसके कारण भगदड़ मची है।
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