Jagannath Mandir: अंतिम चरण में है रत्न भंडार का मरम्मत कार्य, बढ़ रही है मंदिर की सुंदरता
पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत का काम अंतिम चरण में है। गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने अधिकारियों के साथ रत्न भंडार का निरीक्षण किया और इसे सुरक्षित घोषित किया। उन्होंने जीर्णोद्धार की प्रशंसा की और कहा कि लगभग 600 पुराने पत्थरों को बदला गया है। रत्न सिंहासन पर भगवान जगन्नाथ की पुनर्स्थापना के बाद कीमती वस्तुओं की गणना और मरम्मत की जाएगी।

जागरण संवाददाता, पुरी। पुरी जगन्नाथ मंदिर के अंदर रत्न भंडार का मरम्मत कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। ऐसे में गुरुवार को गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने वरिष्ठ अधिकारियों एवं सेवकों के साथ रत्न भंडार का निरीक्षण करते हुए जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को पूरी तरह सुरक्षित घोषित किया।
वहीं, पारंपरिक वास्तुकला के साथ इसके जीर्णोद्धार की प्रशंसा की। गजपति महाराज ने कहा है कि रत्न भंडार के लगभग 600 पुराने पत्थरों को बदला गया, जिससे इसकी संरचना और सुंदरता में वृद्धि हुई है।
भगवान जगन्नाथ को रत्न सिंहासन पर पुनः स्थापित करने के बाद रत्न भंडार में संरक्षित कीमती वस्तुओं की गणना-मरम्मत (सूची और सत्यापन) प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
रत्न भंडार के विस्तृत निरीक्षण के बाद गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने कहा कि 12वीं शताब्दी के वैष्णव तीर्थस्थल का रत्न भंडार अब पूरी तरह सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि अब यह संरचना असाधारण रूप से सुंदर दिखती है और जीर्णोद्धार का काम पारंपरिक मंदिर स्थापत्य शैली के अनुरूप ही किया गया है। गजपति महाराज ने इस बात पर जोर दिया कि सभी जीर्णोद्धार कार्य सावधानीपूर्वक किए गए।
जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि संरचना की पवित्रता और मूल शिल्प कौशल को संरक्षित रखा जा सके। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि लगभग 600 जीर्ण-शीर्ण पत्थरों को नए पत्थरों से बदला गया था, जिससे कक्ष की संरचनात्मक अखंडता और सौंदर्य वृद्धि में योगदान मिला।
इसके अलावा, गजपति महाराज ने बताया कि अन्य खंडों में शेष जीर्णोद्धार कार्य नीलाद्री बीजे से पहले जल्द ही पूरा होने की संभावना है।
एक बार जब भगवान जगन्नाथ को रत्न सिंहासन पर पुनः स्थापित कर दिया जाता है, तो खजाने में संरक्षित कीमती वस्तुओं की गणना-मरम्मत (सूची और सत्यापन) प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पुरी गजपति महाराज ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अधिकारियों के परामर्श से गिनती एवं मरम्मत प्रक्रिया में तेजी लाएगी।
गजपति महाराज ने कहा कि भगवान से प्रार्थना करें कि उनके भंडार की मरम्मत का काम नीलाद्री बीजे से पहले पूरा हो जाए।
हमने जो देखा, रत्न भंडार अब पूरी तरह सुरक्षित है। जीर्णोद्धार के बाद यह बहुत अच्छा लग रहा है। सभी मरम्मत कार्य सहाना पत्थर से किए गए हैं। भगवान के आशीर्वाद से ऐतिहासिक मरम्मत का काम लगभग पूरा होने वाला है।
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