पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर में पंचुक के लिए विशेष व्यवस्था, श्रद्धालु सिर्फ सिंघद्वार से करेंगे प्रवेश
पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर में पंचुक के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। भक्तों को केवल सिंघद्वार से प्रवेश करने की अनुमति होगी, अन्य द्वारों से प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

श्रीजगन्नाथ मंदिर में पंचुक के लिए विशेष व्यवस्था
जागरण संवाददाता, अनुगुल। श्रीजगन्नाथ धाम पुरी में पंचुक और आंवला नवमी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। दर्शन के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए श्रद्धालुओं को केवल सिंघद्वार से प्रवेश की अनुमति दी गई है, जबकि अन्य तीनों द्वारों से निकास की व्यवस्था की गई है।
जिला प्रशासन और श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने मंदिर परिसर में 11 लेन की बैरिकेडिंग व्यवस्था की है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी अव्यवस्था के भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन कर सकें।
सुबह 5 बजे से दर्शन प्रारंभ
पुरी कलेक्टर दिव्य ज्योति परिडा ने बताया कि पंचुक के अवसर पर मंदिर परिसर में सुबह 5 बजे से दर्शन प्रारंभ होगा। उन्होंने कहा कि “श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पांच मजिस्ट्रेट, चिकित्सा दल और पेयजल व्यवस्था तैनात की गई है। सभी अधिकारी और सेवक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करेंगे।”
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सेवायतों (मंदिर कर्मियों) को सभी द्वारों से प्रवेश-निकास की अनुमति होगी। वहीं हबिस्यालियों (व्रत धारण करने वाली महिलाओं) के लिए अलग पंक्ति की व्यवस्था की गई है।
‘राधा चरण दर्शन’ का आयोजन देर रात तक
इस दौरान ‘राधा चरण दर्शन’ विशेष अनुष्ठान का आयोजन भी सुबह 5 बजे से देर रात तक किया जाएगा। श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन का कहना है कि इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आने वाले लाखों श्रद्धालु सुरक्षित, सुचारू और श्रद्धापूर्ण तरीके से भगवान के दर्शन कर सकें।
पुरी पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित प्रवेश द्वार और दिशा-निर्देशों का पालन करें, ताकि पंचुक के पावन दिनों में श्रद्धा और अनुशासन का समन्वय बना रहे।

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