पुरी जगन्नाथ मंदिर में फ्री दर्शन के नाम पर ठगी, इस फर्जी वेबसाइट से रहें सावधान
पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में मुफ्त दर्शन की परंपरा को निशाना बनाते हुए इंडिया थ्रिल्स नामक एक फर्जी वेबसाइट श्रद्धालुओं को ठग रही थी। यह वेबसाइट दर्शन के लिए अलग-अलग दरें तय कर रही थी। मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दर्शन पूरी तरह निशुल्क है और ऐसी वेबसाइटें भ्रामक हैं।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। भगवान श्रीजगन्नाथ के पवित्र मंदिर पुरी में निशुल्क दर्शन की परंपरा को निशाना बनाकर श्रद्धालुओं को ठगने की एक और बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। ‘इंडिया थ्रिल्स’ नामक एक फर्जी वेबसाइट श्रद्धालुओं को विशेष दर्शन का झांसा देकर पैसे ऐंठ रही थी।
अलग-अलग दरें तय कर रहा था ठग गिरोह
इस वेबसाइट पर साधारण दर्शन के लिए 50 रुपये, त्वरित दर्शन के लिए 100 रुपये और वीआईपी दर्शन के लिए 500 रुपये तक की दरें निर्धारित की गई थीं। इतना ही नहीं, वेबसाइट पर मंदिर का इतिहास, पूजा-पद्धति और दर्शन व्यवस्था की विस्तृत जानकारी भी डाल दी गई थी, ताकि लोग इसे असली समझकर आसानी से झांसे में आ जाएं।
मंदिर प्रशासन का स्पष्ट संदेश
वास्तविकता यह है कि पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर में प्रवेश व दर्शन पूरी तरह निःशुल्क है। मंदिर प्रशासन ने बार-बार श्रद्धालुओं को सचेत किया है कि किसी भी प्रकार का शुल्क अथवा टिकट दर्शन के नाम पर नहीं लिया जाता। संचार विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि इस तरह की वेबसाइटें पूरी तरह भ्रामक और अवैध हैं।
एसपी ने दिया कार्रवाई का भरोसा
इस मामले पर पुरी के एसपी प्रतीक सिंह ने कहा, “श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच में जुट गई है। साइबर विशेषज्ञों की मदद से ठगों के गिरोह की पहचान और ठिकानों का पता लगाया जाएगा। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
श्रद्धालुओं से अपील
पुलिस और मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत वेबसाइट या एजेंसी पर भरोसा न करें। आधिकारिक जानकारी के लिए केवल पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन और ओडिशा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एवं सूचना स्रोतों का ही उपयोग करें।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई फर्जी वेबसाइटों और एजेंटों द्वारा श्रद्धालुओं से पैसे वसूलने के मामले सामने आ चुके हैं। हर बार प्रशासन चेतावनी जारी करता है, लेकिन ठग नए-नए तरीकों से भोले-भाले भक्तों को निशाना बना रहे हैं।
कैसे पहचानें फर्जी वेबसाइट?
1. मंदिर दर्शन पूरी तरह निःशुल्क है: किसी भी प्रकार का टिकट शुल्क असली नहीं होता।
2. वेबसाइट का डोमेन देखें: .gov.in या आधिकारिक लिंक के अलावा अन्य वेबसाइटों से सावधान रहें।
3. संपर्क विवरण की जांच करें: मोबाइल नंबर या निजी ईमेल आईडी देने वाली साइटें संदिग्ध होती हैं।
4. भुगतान मांगने पर सावधान रहें: दर्शन, प्रसाद या टिकट के नाम पर ऑनलाइन भुगतान की मांग अवैध है।
5. संदेह होने पर तुरंत पुलिस या मंदिर प्रशासन को सूचित करें।
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