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    Odisha News: ओडिशा में अब डॉक्टर बनाना आसान नहीं, निजी कॉलेजों ने 75 प्रतिशत तक बढ़ाई फीस

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 10:36 AM (IST)

    ओडिशा के निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS और PG पाठ्यक्रमों की फीस में भारी वृद्धि की गई है जिससे छात्रों और अभिभावकों में निराशा है। तीन कॉलेजों - हाईटेक भुवनेश्वर ड्रीम्स मेडिकल कॉलेज कटक और हाईटेक राउरकेला - ने फीस बढ़ाई है। MBBS की फीस में करीब 75% तक की बढ़ोतरी हुई है। अभिभावकों का कहना है कि काउंसलिंग के बाद यह फैसला आर्थिक बोझ बढ़ाएगा।

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    ओडिशा में निजी मेडिकल कॉलेजों में बढ़ी फीस। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे छात्रों के लिए बुरी खबर है। राज्य के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों ने एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों की फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी है। एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए अब छात्रों को करीब 75 प्रतिशत तक अधिक फीस चुकानी होगी। अचानक बढ़ाई गई इस फीस से अभिभावकों और छात्रों में नाराजगी है।

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    तीन साल पहले सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नामांकन शुल्क बढ़ा था। अब हाईटेक भुवनेश्वर, ड्रीम्स मेडिकल कॉलेज कटक और हाईटेक राउरकेला जैसे निजी संस्थानों ने फीस बढ़ाकर गरीब और मेधावी छात्रों के लिए डॉक्टर बनने का सपना और कठिन कर दिया है।

    पहले से ही ऊंची फीस के कारण बड़ी संख्या में छात्र विदेश का रुख कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार के इस फैसले को परिवारों पर अतिरिक्त बोझ माना जा रहा है।

    राउरकेला हाइटेक मेडिकल कॉलेज में बड़ा झटका

    हाइटेक मेडिकल कॉलेज राउरकेला में एमबीबीएस की फीस जहां अब तक 5 लाख 50 हजार रुपये थी। वहीं, 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए इसे बढ़ाकर 8 लाख 54 हजार रुपये कर दिया गया है।

    यही नहीं, पहली बार इस कॉलेज में पीजी इन पैराक्लिनिकल की फीस 6 लाख 41 हजार और पीजी इन क्लिनिकल की फीस 12 लाख 81 हजार रुपये निर्धारित की गई है।

    कटक ड्रीम्स मेडिकल कॉलेज में भी बढ़ोतरी

    कटक स्थित ड्रीम्स मेडिकल कॉलेज में भी फीस वृद्धि का ऐलान किया गया है। यहां एमबीबीएस की फीस 6 लाख 50 हजार रुपये से बढ़ाकर सीधे 9 लाख 8 हजार रुपये कर दी गई है।

    काउंसलिंग खत्म फिर भी बढ़ी फीस

    दक्षता विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग की अधिसूचना के बाद ओजेईई प्राधिकरण ने भी संशोधित फीस ढांचा जारी किया। लेकिन यह फैसला अभिभावकों को बिल्कुल मंजूर नहीं है।

    दरअसल, काउंसलिंग के लिए चॉइस लॉकिंग और फिलिंग प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी। ऐसे में अचानक 50 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ा देना छात्रों और अभिभावकों को परेशान कर रहा है।

    अभिभावकों की बढ़ी चिंता

    अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने पिछले वर्ष की निर्धारित फीस को ध्यान में रखकर नामांकन की तैयारी की थी। अब अचानक हुई इस बढ़ोतरी ने भारी आर्थिक बोझ डाल दिया है।

    केंद्रापाड़ा जिले के आनंदपुर के एक अभिभावक ने कहा कि सरकार या तो पिछले साल की फीस पर नामांकन की अनुमति दे, अन्यथा चॉइस लॉकिंग और फिलिंग के लिए नया अवसर दिया जाए।

    शिक्षा का व्यापारीकरण बर्दाश्त नहीं- अभिभावक महासंघ

    ओडिशा अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष वासुदेव भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने डॉक्टर बनने की पढ़ाई को अमेरिका की तरह 75 प्रतिशत टैक्स के बराबर महंगा कर दिया है। यह शिक्षा का खुला व्यापार है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जाएगा।